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ईसू क एकान्त मँ पराथना

(मरकुस 14:32-42; लूका 22:39-46)

36 फिन ईसू ओकरे संग उ जगह प आवा जउन गतसमनी कहा जात रहा। अउर उ आपन चेलन स कहेस, “जब ताईं मइँ हुवाँ जाउँ अउर पराथना करउँ, तू सबे हियइँ बइठा।” 37 फिन ईसू पतरस अउर जब्दी क दुइनउँ बेटवन क आपन संग लइ गवा। अउर दुख अउ घबराहट महसूस करइ लाग। 38 फिन उ ओनसे कहेस, “मोर मन बहोत दुखी बा, जइसे मोर प्रान निकरि जइहीं। तू मोरे संग हिअँई ठहर जा अउर होसियार रहा।”

39 फिन तनिक अगवा बढ़इ क बाद उ धरती प निहुरिके पराथना करइ लाग। उ कहेस, “हे, मोर परमपिता, जदि होइ सकइ तउ यातना क कटोरा मोसे टरि जाइ। फिन भी जइसा मइँ चाहत हउँ वइसा नाहीं मुला जइसा तू चाहत ह वइसा ही कर।” 40 ओकरे पाछे उ आपन चेलन क लगे गवा अउर ओनका सोवत पाएस। उ परतस स कहेस, “तउ तू पचे मोर संग एक घंटा भी नाहीं जागि सक्या। 41 जागत रहा अउर पराथना करा जेसे तू परिच्छा मँ न पड़ि जा। तोहार आतिमा तउ उहइ करब चाहत ह जउन चंगा बा, मुला तोहार सरीर दुर्बल अहइ।”

42 एक दाईं फिन उ जाइके पराथना किहेस अउर कहेस, “हे मोर परमपिता, जदि यातना क कटोर मोरे बगैर पिए टर नाहीं सकत तउ तोहार इच्छा पूरी होइ जाइ।”

43 तब उ आवा अउ ओनका फिन सोवत पावा। उ पचेन क आँखन थकी रहिन। 44 तउ उ ओनका छोड़िके फिन गवा अउर तिसरी दाईं भी पहिले क नाईं ओनही सब्दन मँ पराथना करेस।

45 फिन ईसू आपन चेलन क लगे गवा अउर ओनसे पूछेस, “का तू अबहुँ आराम स सोवत अहा? सुना, समइ आइ ग अहइ, जब मनई क पूत पापी मनइयन क हथवन मँ दइ दीन्ह जाई। 46 उठा, आवा चली। देखा मोका धरइवाला इ बा।”

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