Add parallel Print Page Options

ईसू क आपन चेलन क संग फसह भोज

(मरकुस 14:12-21; लूका 22:7-14,21-23; यूहन्ना 13:21-30)

17 बिना खमिरे क रोटी क त्यौहार स पहिले दिन ईसू क चेलन आइके पूछेन, “तू का चाहत ह कि हम तोहरे खाइके बरे फसह भोज क तइयारी कहाँ जाइके करी?”

18 ईसू कहेस, “गाउँ मँ उ मननई क लगे जा अउर ओसे कहा, कि गुरु कहेस ह, ‘मोर तय भई घरी निगचे बाटइ, मइँ तोहरे घर आपन चेलन क संग फसह क त्यौहार मनावइ वाला अहउँ।’” 19 फिन चेलन वइसा ही करेन जइसा ईसू बताए रहा अउर फसह क त्यौहार क तइयारी किहन।

20 दिन बूड़त ईसू आपन बारहु चेलन क संग पटरे पइ निहुरा बइठा रहा। 21 तबहीं ओनके खइया क खात उ बोला, “मइँ सच कहत हउँ तोहमाँ स एक मोका धोखे स पकरवाई।”

22 उ सबइ बहोत दुःखी भएन अउ ओनमाँ स हर कउनो आपुस मँ पूछइ लागेन, “पर्भू उ मइँ तउ नाहीं हउँ। बतावा का मइँ अहउँ।”

23 तब ईसू जवाब दिहस, “उहइ जउन मोरे संग एक टाठी मँ खात बा मोका धोखा स पकड़वाई। 24 मनई क पूत तउ जाई ही, अइसा कि ओकरे बारे मँ पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बाटइ। मुला उ मनई क धिक्कार बा जउन मनई क जारिये मनई क पूत पकड़वाइ जात अहइ। उ मनई बरे केतॅना नीक होत कि ओकर जन्म ही न भवा रहत।”

25 तब ओका धोखे स पकरवावइ वाला यहूदा बोलि उठा, “हे गुरु, उ मइँ नाहीं हउँ। का मइँ हउँ?”

ईसू ओसे कहेस, “हाँ अइसा ही अहइ जइसा तू कह्या ह।”

Read full chapter