मत्तियाह 26:1-5
Saral Hindi Bible
येशु की हत्या का षड्यन्त्र
(मारक 14:1-2; लूकॉ 22:1-2)
26 इस रहस्य के खुलने के बाद येशु ने शिष्यों को देखकर कहा, 2 “यह तो तुम्हें मालूम ही है कि दो दिन बाद फ़सह उत्सव है. इस समय मनुष्य के पुत्र को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए सौंप दिया जाएगा.”
3 दूसरी ओर प्रधान याजक और वरिष्ठ नागरिक कायाफ़स नामक महायाजक के घर के आँगन में इकट्ठा हुए. 4 उन्होंने मिल कर येशु को छलपूर्वक पकड़ कर उनकी हत्या कर देने का विचार किया. 5 वे यह विचार भी कर रहे थे: “यह फ़सह उत्सव के अवसर पर न किया जाए—कहीं इससे लोगों में बलवा न भड़क उठे.”
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मत्ती 26:1-5
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
यहूदी नेताओं द्वारा यीशु की हत्या का षड़यंत्र
(मरकुस 14:1-2; लूका 22:1-2; यूहन्ना 11:45-53)
26 इन सब बातों के कह चुकने के बाद यीशु अपने शिष्यों से बोला, 2 “तुम लोग जानते हो कि दो दिन बाद फसह पर्व है। और मनुष्य का पुत्र शत्रुओं के हाथों क्रूस पर चढ़ाये जाने के लिए पकड़वाया जाने वाला है।”
3 तब प्रमुख याजक और बुज़ुर्ग यहूदी नेता कैफ़ा नाम के प्रमुख याजक के भवन के आँगन में इकट्ठे हुए। 4 और उन्होंने किसी तरकीब से यीशु को पकड़ने और मार डालने की योजना बनायी। 5 फिर भी वे कह रहे थे, “हमें यह पर्व के दिनों नहीं करना चाहिये नहीं तो हो सकता है लोग कोई दंगा फ़साद करें।”
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