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यीसू ह मिरगी के रोगी एक छोकरा ला चंगा करथे

(मरकुस 9:14-29; लूका 9:37-43)

14 जब ओमन भीड़ करा आईन, त एक मनखे ह यीसू करा आईस अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकके कहिस, 15 “हे परभू! मोर बेटा ऊपर दया कर। ओला मिरगी आथे अऊ ओकर कारन बहुंत दुःख झेलथे। ओह अक्सर आगी या पानी म गिर जाथे। 16 मेंह ओला तोर चेलामन करा लानेंव, पर ओमन ओला ठीक नइं कर सकिन।”

17 यीसू ह कहिस, “हे अबिसवासी अऊ ढीठ मनखेमन! मेंह कब तक तुम्‍हर संग रहिहूं? कब तक मेंह तुम्‍हर सहत रहिहूं? लड़का ला इहां मोर करा लानव।” 18 यीसू ह परेत आतमा ला दबकारिस अऊ ओह ओम ले निकर गीस, अऊ ओ छोकरा ह ओहीच बखत ठीक हो गीस।

19 तब चेलामन यीसू करा अकेला म आईन अऊ पुछिन, “हमन ओला काबर नइं निकार सकेंन?”

20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “काबरकि तुम्‍हर बहुंत कम बिसवास हवय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि यदि तुम्‍हर बिसवास ह सरसों के दाना के बरोबर घलो हवय, अऊ तुमन ए पहाड़ ले कहव, ‘इहां ले घुंच के उहां चले जा,’ त ओह घुंच जाही। तुम्‍हर बर कोनो घलो बात असंभव नइं होही। 21 पर ए किसम के परेत आतमा ह सिरिप पराथना अऊ उपास के दुवारा निकरथे।”

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