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फरीसी अऊ सदूकी मन के खमीर

(मरकुस 8:14-21)

जब ओमन झील के ओ पार गीन, त चेलामन अपन संग रोटी लाने बर भुला गे रिहिन। यीसू ह ओमन ला कहिस, “फरीसी अऊ सदूकी मन के खमीर ले सचेत रहव।”

ओमन आपस म ए बात ला बिचार करिन अऊ कहिन, “हमन रोटी नइं लाने हवन, एकरसेति ओह अइसने कहत हवय।”

ओमन के बिचार ला जानके, यीसू ह ओमन ला कहिस, “हे अल्‍प बिसवासीमन हो! तुमन ए काबर गोठियावत हव कि तुम्‍हर करा रोटी नइं ए? का तुमन अभी तक ले नइं समझेव? पांच हजार मनखेमन बर पांच ठन रोटी के बात, का तुमन सुरता नइं करत हव, अऊ कतेक ठन टुकना भरके तुमन संकेले रहेव? 10 या फेर ओ चार हजार मनखेमन बर सात ठन रोटी के बात, का तुमन ला सुरता नइं ए, अऊ कतेक ठन टुकना भरके तुमन संकेले रहेव? 11 तुमन ए काबर नइं समझव कि मेंह तुमन ला रोटी के बारे म नइं कहत रहेंव? पर तुमन ला फरीसी अऊ सदूकी मन के खमीर ले सचेत रहे बर कहत रहेंव।”

12 तब ओमन समझिन कि यीसू ह ओमन ला रोटी के खमीर के बारे म नइं गोठियावत रिहिस, पर ओह ओमन ला फरीसी अऊ सदूकी मन के सिकछा ले सचेत रहे बर कहत रिहिस।

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