Add parallel Print Page Options

राई के बीज का दृष्टान्त

(मारक 4:30-34)

31 येशु ने उनके सामने एक अन्य दृष्टान्त प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य एक राई के बीज के समान है, जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में रोप दिया. 32 यह अन्य सभी बीजों की तुलना में छोटा होता है किन्तु जब यह पूरा विकसित हुआ तब खेत के सभी पौधों से अधिक बड़ा हो गया और फिर वह बढ़कर एक पेड़ में बदल गया कि पक्षी आ कर उसकी डालिओं में बसेरा करने लगे.”

33 येशु ने उनके सामने एक और दृष्टान्त प्रस्तुत किया: “स्वर्ग-राज्य ख़मीर के समान है, जिसे एक स्त्री ने ले कर तीन माप आटे में मिला दिया और होते-होते सारा आटा ख़मीर बन गया, यद्यपि आटा बड़ी मात्रा में था.”

Read full chapter