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एक अगमजानी बिगर आदरमान के

(मत्ती 13:53-58; लूका 4:16-30)

ओ जगह ला छोंड़के, यीसू ह अपन चेलामन संग अपन नगर नासरत म आईस। बिसराम के दिन, ओह सभा घर म सिखोय लगिस अऊ अब्‍बड़ मनखेमन ओकर बात ला सुनके अचरज करिन अऊ पुछन लगिन, “एला, ए बात कहां ले मिलिस? एला का किसम के बुद्धि मिले हवय कि एह चमतकार के काम घलो करथे। का एह ओ बढ़ई नो हय? का एह मरियम के बेटा अऊ याकूब, योसेस, यहूदा अऊ सिमोन के भाई नो हय? का एकर बहिनीमन हमर संग म इहां नइं रहंय?” अऊ ओमन ओकर तिरस्‍कार करिन।

यीसू ह ओमन ला कहिस, “अगमजानी ह अपन नगर, अपन कुटुम्ब अऊ अपन घर के छोंड़ जम्मो जगह आदर-मान पाथे।” ओह उहां एको चमतकार के काम नइं कर सकिस। सिरिप कुछू बेमरहामन ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। अऊ ओह ओमन के कम बिसवास ला देखके अचम्भो करिस।

यीसू ह अपन बारह चेलामन ला पठोथे

(मत्ती 10:5-15; लूका 9:1-6)

तब यीसू चारों खूंट के गांवमन म उपदेस करत फिरिस।

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