Add parallel Print Page Options

बिया बोवइ क दिस्टान्त क समझाउब

(मत्ती 13:18-23; लूका 8:11-15)

13 उ ओनसे कहेस, “का तू इ दिस्टान्त क समझ पउत्या नाहीं तउ अउ कउनो दिस्टान्त क कइसे समझ पउब्या? 14 बिया क बोवइया जउन बोवत ह, उ परमेस्सर क उपदेस अहइ। 15 कछू जने राहे क उ सब बिया क तरह अहइँ, जहाँ उपदेस बोइ गवा रहा। जब उ सुनत हीं, सइतान तुरंत ही आवत ह उ उपदेस क लइ जात ह, जउन बिया बोवा रहा।

16 “कछू जने उ बिया क तरह अहइँ जउन पथरही धरती मँ बोएन। बिया जब उ उपदेस सुनत हीं, उ पचे फउरन उपदेस खुसी स अपनाइ लेत हीं। 17 लेकिन उ सब आपन मँ जर नाहीं धरतेन उ सब तनिक समइया मँ रह पावत हीं। पाछे जब उपदेस क कारण बिपत आवत ह अउर खूबइ सतावा जात हीं उ पचे फउरन बिसवास खोइ देत हीं।

18 “अउर दूसर मिला कँटही झाड़ी मँ बिया क बोवइ क तरह अहइँ। ई मनइयन उपदेस क सुनत हीं। 19 मुला जिन्नगी क चिन्ता धन, लालच अउर दूसर चीजन्क इच्छा ओनके मनवा मँ आवत ही उपदेस क दबोच लेत हीं। फिन ओन प फर लागत नाहीं।

20 “दूसर उ बिया क तरह अहइँ जउन बढ़िया भुइँया प बोइ ग अहइँ। ई पचे उ अहीं जउन बचन सुनत ही अउर अंगीकार करत हीं। ओन प फर लागत ह-कहुँ तीस कहुँ साठ अउर कहुँ सउ गुना या जिआदा।”

Read full chapter