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यीशु अन्य धर्मगुरुओं से भिन्न है

(मत्ती 9:14-17; लूका 5:33-39)

18 यूहन्ना के शिष्य और फरीसियों के शिष्य उपवास किया करते थे। कुछ लोग यीशु के पास आये और उससे पूछने लगे, “यूहन्ना और फरीसियों के चेले उपवास क्यों रखते हैं? और तेरे शिष्य उपवास क्यों नहीं रखते?”

19 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “निश्चय ही बराती जब तक दूल्हे के साथ हैं, उनसे उपवास रखने की उम्मीद नहीं की जाती। जब तक दूल्हा उनके साथ है, वे उपवास नहीं रखते। 20 किन्तु वे दिन आयेंगे जब दूल्हा उनसे अलग कर दिया जायेगा और तब, उस समय, वे उपवास करेंगे।

21 “कोई भी किसी पुराने वस्त्र में अनसिकुड़े कोरे कपड़े का पैबन्द नहीं लगाता। और यदि लगाता है तो कोरे कपड़े का पैबन्द पुराने कपड़े को भी ले बैठता है और फटा कपड़ा पहले से भी अधिक फट जाएगा। 22 और इसी तरह पुरानी मशक में कोई भी नयी दाखरस नहीं भरता। और यदि कोई ऐसा करे तो नयी दाखरस पुरानी मशक को फाड़ देगी और मशक के साथ साथ दाखरस भी बर्बाद हो जायेगी। इसीलिये नयी दाखरस नयी मशकों में ही भरी जाती है।”

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