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14 बाद म, यीसू ह गियारह चेलामन ला घलो, जब ओमन खाय बर बईठे रिहिन, दरसन दीस अऊ ओमन के कम बिसवास अऊ ओमन के ढीठपन ला देखके ओमन ला दबकारिस, काबरकि ओमन ओ मनखेमन के बात ला बिसवास नइं करिन, जऊन मन यीसू ला जी उठे बाद देखे रिहिन।

15 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन जम्मो संसार म जाके जम्मो मनखेमन ला सुघर संदेस सुनावव। 16 जऊन ह बिसवास करही अऊ बतिसमा लिही, ओह उद्धार पाही। पर जऊन ह बिसवास नइं करही, ओह दोसी ठहराय जाही। 17 अऊ बिसवास करइयामन म ए चिन्‍हां होही कि ओमन मोर नांव म परेत आतमामन ला निकारहीं, अऊ ओमन नवां-नवां भासा बोलहीं। 18 ओमन सांप ला अपन हांथ म उठा लिहीं, अऊ ओमन कहूं जहर घलो पी लिहीं, तभो ले ओमन ला कुछू नइं होवय। ओमन बेमार मनखे ऊपर हांथ रखहीं, त ओमन बने हो जाहीं।”

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