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ओ समय म, जब यीसू बैतनियाह म सिमोन कोढ़ी के घर म खाना खावत रिहिस, तब एक झन माईलोगन ह संगमरमर के पथरा के चुकिया म जटामासी के अब्‍बड़ महंगा इतर तेल लेके आईस, अऊ ओह चुकिया ला फोरके इतर ला यीसू के मुड़ ऊपर रितोईस।

उहां कुछू मनखेमन खिसियाके एक-दूसर ला कहन लगिन, “ए इतर ला काबर बरबाद कर दीस? एला बेंचे रहे ले तीन सौ दिन के बनी ले घलो जादा पईसा मिले रहितिस, जऊन ला गरीबमन म बांटे जा सकत रिहिस।” अऊ ओमन ओकर ऊपर अब्‍बड़ खिसियाईन।

यीसू ह कहिस, “ओला छोंड़ दव। ओला काबर सतावत हवव? ओह तो मोर संग सुघर बुता करे हवय। गरीबमन तुम्‍हर संग हमेसा रहिहीं अऊ तुमन जब चाहव, तब ओमन के मदद कर सकत हव, पर मेंह तुम्‍हर संग हमेसा नइं रहंव। जऊन कुछू ओह कर सकत रिहिस, ओह करिस। मोर गड़ियाय जाय के तियारी म ओह आघू ले मोर देहें ऊपर इतर लगाय हवय। मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जम्मो संसार म जिहां-जिहां मोर सुघर संदेस के परचार करे जाही, उहां ओकर ए काम के चरचा घलो ओकर सुरता म करे जाही।”

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