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यीसू ह अपन चेलामन संग फसह के भोज खाथे

(मत्ती 26:17-25; लूका 22:7-14, 21-23; यूहन्ना 13:21-30)

12 बिन खमीर के रोटी के तिहार के पहिली दिन, ए रिवाज रिहिस कि फसह के मेढ़ा-पीला के बलिदान करे जावय; त यीसू के चेलामन ओकर ले पुछिन, “तेंह कहां चाहथस कि हमन जाके तोर बर फसह के भोज खाय के तियारी करन?”

13 ओह अपन चेलामन ले दू झन ला, ए कहिके पठोईस, “सहर म जावव अऊ एक मनखे पानी के मटकी बोहे तुमन ला मिलही। ओकर पाछू-पाछू जावव। 14 ओह जऊन घर म जाही, ओ घर के मालिक ला कहव, ‘गुरू ह पुछत हवय कि ओकर पहुना कमरा कहां हवय, जिहां ओह अपन चेलामन संग फसह के भोज खा सकय।’ 15 ओह तुमन ला अटारी म सजे-सजाय अऊ तियार एक ठन बड़े कमरा देखाही। उहां हमर भोज खातिर तियारी करव।”

16 तब चेलामन सहर म गीन अऊ जइसने यीसू ह ओमन ला कहे रिहिस, वइसनेच पाईन अऊ ओमन फसह के भोज तियार करिन।

17 जब सांझ होईस, त यीसू ह बारहों चेलामन संग आईस। 18 जब ओमन बईठके खावत रिहिन, त यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव – तुमन ले एक झन जऊन ह मोर संग खाना खावत हवय, मोला पकड़वाही।”

19 चेलामन उदास होके एक-एक करके पुछन लगिन, “का ओह में अंव?”

20 यीसू ह ओमन ला कहिस, “ओह तुमन बारहों म ले एक झन अय, जऊन ह मोर संग थारी म हांथ डारत हवय। 21 मनखे के बेटा ह मरही, जइसने परमेसर के बचन म ओकर बारे म लिखे हवय, पर ओ मनखे ऊपर ‘हाय’, जऊन ह मनखे के बेटा ला पकड़वाथे। कहूं ओ मनखे के जनम नइं होतिस, त ओकर बर बने होतिस।”

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