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दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की तीसरी भविष्यवाणी

(मत्ति 20:17-19; लूकॉ 18:31-34)

32 येरूशालेम नगर की ओर जाते हुए मसीह येशु उन सबके आगे-आगे चल रहे थे. शिष्य चकित थे तथा अन्य पीछे चलने वाले लोग डरे हुए थे. बारहों को अलग ले जाकर मसीह येशु ने उन्हें बताना प्रारम्भ किया कि स्वयं उनके साथ क्या-क्या होना ज़रूरी है. 33 “हम येरूशालेम नगर को जा रहे हैं. वहाँ मनुष्य के पुत्र को प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा. वे उस पर मृत्युदण्ड की आज्ञा प्रसारित करेंगे तथा उसे अन्यजातियों को सौंप देंगे. 34 वे सब उसकी ठठ्ठा करेंगे, उस पर थूकेंगे, कोड़े लगाएँगे, और उसकी हत्या कर देंगे तथा तीन दिन बाद वह मरे हुओं में से फिर जीवित हो जाएगा.”

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