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22 अऊ ओह कहिस, “एह जरूरी ए कि मनखे के बेटा ह बहुंत दुःख भोगय अऊ अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन के दुवारा तिरस्‍कार करे जावय, अऊ जरूरी ए कि ओह मार डारे जावय अऊ तीसरा दिन जी उठय।”

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