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यीसू ह बंदी बनाय जाथे

(मत्ती 26:47-56; मरकुस 14:43-50; यूहन्ना 18:3-12)

47 जब यीसू ह गोठियावत रिहिस, तभे मनखेमन के एक भीड़ आईस; अऊ यहूदा जऊन ह यीसू के बारह चेलामन ले एक झन रिहिस, ओमन के आघू-आघू चलत रहय। ओह यीसू करा ओला चूमे बर आईस। 48 पर यीसू ह ओला कहिस, “हे यहूदा, चूमा देके का तेंह मनखे के बेटा ला पकड़वावत हस?”

49 यीसू के चेलामन जब देखिन कि का होवइया हवय, त ओमन कहिन, “हे परभू, का हमन अपन तलवार चलावन?” 50 अऊ ओम ले एक झन महा पुरोहित के सेवक ऊपर तलवार चलाके ओकर जेवनी कान उड़ा दीस।

51 तब यीसू ह कहिस, “एला बंद करव।” अऊ ओह मनखे के कान ला छुईस अऊ ओला बने कर दीस।

52 तब यीसू ह ओ मुखिया पुरोहित, मंदिर के रखवारमन के अधिकारी अऊ अगुवामन ला कहिस, जऊन मन ओला पकड़े बर आय रिहिन, “का मेंह डाकू अंव कि तुमन तलवार अऊ बड़े-बड़े लउठी लेके आय हवव? 53 मेंह हर दिन तुम्‍हर संग मंदिर म रहेंव, अऊ तुमन मोला नइं पकड़ेव। पर एह तुम्‍हर समय ए, जब अंधियार के सक्ति ह राज करथे।”

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