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यीशु को पकड़ने के लिये सदूकियों की चाल

(मत्ती 22:23-33; मरकुस 12:18-27)

27 अब देखो कुछ सदूकी उसके पास आये। (ये सदूकी वे थे जो पुनरुत्थान को नहीं मानते।) उन्होंने उससे पूछते हुए कहा, 28 “गुरु, मूसा ने हमारे लिये लिखा है कि यदि किसी का भाई मर जाये और उसके कोई बच्चा न हो और उसकी पत्नी हो तो उसका भाई उस विधवा से ब्याह करके अपने भाई के लिये, उससे संतान उत्पन्न करे। 29 अब देखो, सात भाई थे। पहले भाई ने किसी स्त्री से विवाह किया और वह बिना किसी संतान के ही मर गया। 30 फिर दूसरे भाई ने उसे ब्याहा, 31 और ऐसे ही तीसरे भाई ने। सब के साथ एक जैसा ही हुआ। वे बिना कोई संतान छोड़े मर गये। 32 बाद में वह स्त्री भी मर गयी। 33 अब बताओ, पुनरुत्थान होने पर वह किसकी पत्नी होगी क्योंकि उससे तो सातों ने ही ब्याह किया था?”

34 तब यीशु ने उनसे कहा, “इस युग के लोग ब्याह करते हैं और ब्याह करके विदा होते हैं। 35 किन्तु वे लोग जो उस युग के किसी भाग के योग्य और मरे हुओं में से जी उठने के लिए ठहराये गये हैं, वे न तो ब्याह करेंगे और न ही ब्याह करके विदा किये जायेंगे। 36 और वे फिर कभी मरेंगे भी नहीं, क्योंकि वे स्वर्गदूतों के समान हैं, वे परमेश्वर की संतान हैं क्योंकि वे पुनरुत्थान के पुत्र हैं। 37 किन्तु मूसा तक ने झाड़ी से सम्बन्धित अनुच्छेद में दिखाया है कि मरे हुए जिलाए गये हैं, जबकि उसने कहा था प्रभु, ‘इब्राहीम का परमेश्वर है, इसहाक का परमेश्वर है और याकूब का परमेश्वर है।’[a] 38 वह मरे हुओं का नहीं, बल्कि जीवितों का परमेश्वर है। वे सभी लोग जो उसके हैं जीवित हैं।”

39 कुछ यहूदी धर्मशास्त्रियों ने कहा, “गुरु, अच्छा कहा।” 40 क्योंकि फिर उससे कोई और प्रश्न पूछने का साहस नहीं कर सका।

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Footnotes

  1. 20:37 इब्राहीम … हैं देखें निर्गमन 3:6

मरे हुओं के जी उठने का प्रश्न

(मत्ति 22:23-33; मारक 12:18-27)

27 तब सदूकी समुदाय के कुछ लोग, जो पुनरुत्थान में विश्वास नहीं करते, मसीह येशु के पास आए. 28 उन्होंने उनसे प्रश्न किया, “गुरुवर,” हमारे लिए “मोशेह के निर्देश हैं यदि किसी निःसन्तान पुरुष का पत्नी के रहते हुए निधन हो जाए तो उसका भाई उस स्त्री से विवाह कर अपने भाई के लिए सन्तान उत्पन्न करे. 29 सात भाई थे. पहिले ने विवाह किया और निःसन्तान ही उसकी मृत्यु हो गई. 30 तब दूसरे ने 31 और फिर तीसरे ने उससे विवाह किया और इस प्रकार सातों ही निःसन्तान चल बसे. 32 अन्ततः: उस स्त्री की भी मृत्यु हो गई. 33 इसलिए मरे हुओं के जी उठने पर वह स्त्री किसकी पत्नी कहलाएगी—क्योंकि वह सातों ही की पत्नी रह चुकी थी?”

34 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “विवाह केवल इसी लोक में होते हैं. 35 वे, जो आनेवाले लोक में प्रवेश तथा मरे हुओं में से जी उठने के योग्य गिने जाते हैं, वैवाहिक अवस्था में प्रवेश नहीं करते. 36 जी उठने पर लोग न तो वैवाहिक अवस्था में होंगे और न ही कभी उनकी मृत्यु होगी क्योंकि वहाँ वे स्वर्गदूतों जैसे होते हैं. जी उठने के परिणामस्वरूप वे परमेश्वर की सन्तान होंगे. 37 मरे हुओं का जी उठना एक सच्चाई है, इसकी पुष्टि स्वयं मोशेह ने जलती हुई झाड़ी के विवरण में की है, जहाँ वह प्रभु को अब्राहाम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर तथा याक़ोब का परमेश्वर कहते हैं. 38 इसलिए वह मरे हुओं के नहीं, जीवितों के परमेश्वर हैं क्योंकि उनके सामने ये सभी जीवित हैं.”

39 कुछ शास्त्रियों ने इसके उत्तर में कहा, “गुरुवर, अति उत्तम उत्तर दिया आपने!” 40 उनमें से किसी को भी अब उनसे किसी भी विषय में प्रश्न करने का साहस न रहा.

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