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योना अगमजानी के चिन्‍हां

(मत्ती 12:38-42)

29 जब भीड़ ह बढ़त गीस त यीसू ह कहिस, “ए पीढ़ी के मनखेमन खराप अंय। एमन चिन्‍हां के मांग करथें, पर एमन ला योना अगमजानी के चिन्‍हां के छोंड़ अऊ कोनो चिन्‍हां नइं दिये जावय[a] 30 जइसने योना अगमजानी नीनवे सहर के मनखेमन बर एक ठन चिन्‍हां रिहिस, वइसने मनखे के बेटा ह ए पीढ़ी के मनखेमन बर एक ठन चिन्‍हां होही[b] 31 दक्खिन दिग के रानी ह नियाय के दिन, ए पीढ़ी के मनखेमन संग उठही अऊ एमन ला दोसी ठहराही, काबरकि ओह धरती के ओ छोर ले सुलेमान राजा के बुद्धि के बात ला सुने बर आय रिहिस। अऊ देखव! एक झन इहां सुलेमान राजा ले घलो बड़के हवय। 32 नीनवे सहर के मनखेमन नियाय के दिन, ए पीढ़ी के मनखेमन संग उठहीं अऊ एमन ला दोसी ठहराहीं, काबरकि ओमन योना अगमजानी के परचार ला सुनिन अऊ अपन पाप ले पछताप करिन। अऊ देखव! एक झन इहां योना अगमजानी ले घलो बड़के हवय।”

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Footnotes

  1. 11:29 योना ला एक बड़े मछरी ह लील ले रिहिस अऊ ओह तीन दिन अऊ तीन रात मछरी के पेट म रिहिस। परमेसर ह एक चमतकार के दुवारा ओला बचाईस अऊ ए बात ह साबित करथे कि ओकर संदेस ह परमेसर करा ले रिहिस।
  2. 11:30 देखव – मत्ती 12:40