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मसीह येशु का पुनरुत्थान दिवस

(मत्ति 28:1-7; मारक 16:1-8; लूकॉ 24:1-12)

20 सप्ताह के पहिले दिन, सूर्योदय के पूर्व, जब अंधेरा ही था, मगदालावासी मरियम कन्दरा-क़ब्र पर आईं और उन्होंने देखा कि क़ब्र के प्रवेश द्वार से पत्थर पहले ही हटा हुआ है. सो वह दौड़ती हुई शिमोन पेतरॉस और उस शिष्य के पास गईं, जो मसीह येशु का प्रियजन था और उनसे कहा, “वे प्रभु को क़ब्र में से उठा ले गए हैं और हम नहीं जानते कि उन्होंने उन्हें कहाँ रखा है.”

तब पेतरॉस और वह अन्य शिष्य क़ब्र की ओर चल पड़े. वे दोनों साथ-साथ दौड़ रहे थे किन्तु वह अन्य शिष्य दौड़ते हुए पेतरॉस से आगे निकल गया और क़ब्र पर पहले पहुँच गया. उसने झुक कर अंदर झाँका और देखा कि वहाँ कपड़े की पट्टियों का ढेर लगा है किन्तु वह भीतर नहीं गया. शिमोन पेतरॉस भी उसके पीछे-पीछे आए और उन्होंने क़ब्र में प्रवेश कर वहाँ कपड़े की पट्टियों का ढेर और उस अँगोछे को भी, जो मसीह येशु के सिर पर बाँधा गया था, कपड़े की पट्टियों के ढेर के साथ नहीं परन्तु अलग स्थान पर रखा हुआ पाया. तब वह अन्य शिष्य भी, जो क़ब्र पर पहले पहुँचा था, भीतर गया. उसने देखा और विश्वास किया. वे अब तक पवित्रशास्त्र की यह बात समझ नहीं पाए थे कि मसीह येशु का मरे हुओं में से जी उठना ज़रूर होगा. 10 सो शिष्य दोबारा अपने-अपने घर चले गए.

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