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बिधवा, अगुवा अऊ गुलाम मन के बारे म सलाह

कोनो सियाना मनखे ला झन डांट, पर ओला अपन ददा सहीं जानके समझा दे। जवानमन ला भाई, डोकरी माईलोगनमन ला दाई अऊ जवान माईलोगनमन ला पूरा-पूरी सुध मन ले बहिनी जानके ओमन के संग बरताव कर।

ओ बिधवामन के आदर कर, जऊन मन ला मदद के जरूरत हवय। कहूं कोनो बिधवा के लइका अऊ नाती-नतनिन हवंय, त ओमन ला अपन परिवार के देख-रेख करे के दुवारा पहिली अपन धरम के काम ला पूरा करना चाही। ए किसम ले ओमन अपन दाई-ददा अऊ डोकरी दाई-ददा मन के बदला चुकावंय, काबरकि ए काम ह परमेसर ला भाथे। ओह सही बिधवा ए, जेकर कोनो नइं ए अऊ जऊन ह परमेसर ऊपर भरोसा रखथे अऊ रात-दिन पराथना म लगे रहिथे अऊ परमेसर ले मदद मांगथे। पर ओ बिधवा, जऊन ह भोग-बिलास म जिनगी बिताथे, ओह जीते-जीयत मर गीस। ओमन ला हुकूम दे, ताकि ओमन निरदोस जिनगी जीयंय। यदि कोनो अपन रिस्तेदार अऊ बिसेस करके अपन परिवार के देख-रेख नइं करय, त एकर ले पता चलथे कि ओह मसीह के ऊपर बिसवास करे बर छोंड़ दे हवय, अऊ एक अबिसवासी ले घलो खराप हो गे हवय।

बिधवामन के सूची म, ओ बिधवा के नांव लिखे जावय, जेकर उमर साठ साल ले ऊपर हवय अऊ जऊन ह एके झन मनखे के घरवाली रहे हवय। 10 अऊ भलई के काम करे म ओकर बने नांव होवय – जइसने कि अपन लइकामन के पालन-पोसन-करई, पहुनई करई, परमेसर के मनखेमन के गोड़ धोवई, जऊन मन मुसिबत म हवंय, ओमन के मदद करई अऊ अपन-आप ला जम्मो किसम के बने काम म लगाय रखई।

11 पर जवान बिधवामन ला अइसने सूची म झन रख, काबरकि जब ओमन के सारीरिक भोग-बिलास के ईछा ह ओमन ला मसीह ले दूरिहा ले जाथे, त ओमन बिहाव करे चाहथें। 12 ए किसम ले ओमन दोसी होथें, काबरकि ओमन मसीह के संग करे अपन पहिली परतिगियां ला टोर देथें। 13 एकर अलावा, ओमन घर-घर जाके आलसी बन जाथें। अऊ सिरिप आलसी ही नइं बनंय, पर बक-बक करथें अऊ आने मन के काम म दखल देथें, ओ बातमन ला कहिके जऊन ला कि नइं कहना चाही। 14 एकरसेति, बने होतिस कि जवान बिधवामन बिहाव करंय अऊ लइका जनमावंय, अपन घर-बार ला संभालंय अऊ बईरी ला बदनाम करे के कोनो मऊका झन देवंय। 15 काबरकि कुछू बिधवामन बहकके सैतान के पाछू चलत हवंय।

16 कहूं कोनो बिसवासी माईलोगन के अइसने रिस्तेदार हवंय, जऊन मन बिधवा अंय, त ओह ओमन के मदद करय ताकि ओमन के बोझा कलीसिया ऊपर झन होवय अऊ कलीसिया ह आने मन के मदद कर सकय, जऊन मन सही म बिधवा अंय।

17 ओ अगुवा जऊन मन कलीसिया के बने काम करथें, ओमन दू गुना आदर के लइक समझे जावंय, बिसेस करके जऊन मन परमेसर के बचन के परचार अऊ सिखोय के काम करथें। 18 काबरकि परमेसर के बचन ह कहिथे, “दंऊरी म चलत बइला के मुहूं ला झन बांध”[a] अऊ “बनिहार ला अपन बनी पाय के हक हवय।”[b] 19 कहूं कोनो मनखे ह कोनो अगुवा ऊपर दोस लगाथे, त बिगर दू या तीन गवाह के ओकर झन सुने कर। 20 जऊन मन पाप करथें, ओमन ला जम्मो के आघू म डांट, ताकि आने मन पाप करे बर डर्रावंय।

21 परमेसर, मसीह यीसू अऊ चुने स्वरगदूतमन ला हाजिर जानके, मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ए बातमन ला बिगर काकरो तरफदारी के माने कर अऊ कोनो काम म पखियपात झन कर।

22 कोनो मनखे ला परभू के सेवा खातिर चुने म जल्दबाजी करके ओकर ऊपर हांथ झन रख अऊ आने मन के पाप म भागीदार झन हो। अपन-आप ला सुध बनाय रख।

23 सिरिप पानी झन पीये कर, पर अपन पेट खातिर अऊ बार-बार बेमार पड़े के कारन, थोरकन अंगूर के मंद घलो पीये कर।

24 कुछू मनखेमन के पाप ह साफ-साफ दिख जाथे अऊ ओमन के पाप ह ओमन ले पहिले नियाय बर पहुंच जाथे; पर आने मन के पाप ह बाद म दिखथे। 25 वइसनेच बने काममन साफ-साफ दिखथें अऊ कहूं साफ नइं घलो दिखंय, त ओमन सदाकाल तक छुपे नइं रह सकंय।

Footnotes

  1. 5:18 ब्यवस्था 25:4
  2. 5:18 लूका 10:7