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51 यहोवा कहत ह,
“मइँ एक प्रचण्ड आँधी उठाउब।
    मइँ एका बाबुल अउ बाबुल क लोगन के खिलाफ बहाउब।
मइँ बाबुल क ओसावइ बरे लोगन क पठउब।
    उ पचे बाबुल क ओसाइ देइहीं।
उ सबइ लोग बाबुल क सूना बनाइ देइहीं।
    फउजन नगर क घेर डइहीं अउ भयंकर बिध्वंस होइ।
बाबुल क फउजी आपन धनुस-बाण क उपयोग नाहीं कइ पइहीं।
    उ सबइ फउजी आपन कवच भी नाहीं पहिर सकिहीं।
बाबुल क नउ जवानन बरे दुःख महसूस जिन करा।
    ओनकर फउजे क पूरी तरह नस्ट करा।
बाबुल क फउजी कसदियन क भुइँया मँ मारा जइहीं।
    उ सबइ बाबुल क सड़कियन पइ बुरी तरह घायल होइहीं।”

सर्वसक्तीमान यहोवा इस्राएल व यहूदा क लोगन क राँड़ सा अनाथ नाहीं छोड़ेस ह।
    परमेस्सर ओन लोगन क नाहीं छोड़ेस।
नाहीं उ सबइ लोग इस्राएल क पवित्तरतम क छोड़इ क अपराधी अहइँ।
    उ पचे ओका छोड़ेन किन्तु उ एनका नाहीं छोड़ेस।

बाबुल स पराइ चला।
    आपन जिन्नगी बचावइ बरे पराअ।
    बाबुल क पापन क कारण हुआँ जिन ठहरा अउर मारा न जा।
इ समइ अहइ जब यहोवा बाबुल क लोगन क ओन बुरे करमन क सजा देइ जउन उ पचे किहन।
    बाबुल क सजा मिली जउन ओका मिलइ चाही।
बाबुल यहोवा क हाथ क सुनहरा पियाला जइसा रहा।
    बाबुल पूरी पृथ्वी क मतवाला बनाइ डाएस।
रास्ट्रन बाबुल क दाखरस पिएन।
    एह बरे उ सबइ पागल होइ उठेन।
बाबुल क पतन होइ अउर उ अचानक टूट जाइ।
    ओकरे बरे रोआ।
ओकर पीरा क दवाई लिआवा।
    सायद उ तन्दुरूस्त होइ जाइ।

हम बाबुल क तन्दुरूस्त करइ क जतन किहेउँ,
    किन्तु हम कामयाब न भवा।
एह बरे हम ओका तजि देइ
    अउर आपन देसन क लउटि चली।
बाबुल क सजा अकासे क परमेस्सर निहचित करी,
    उ निर्णय करी कि बाबुल क का होइ।
10 यहोवा हम लोगन बरे बदला लिहस।
    आवा इ बारे मँ सिय्योन मँ बताइ।
हम यहोवा हमार परमेस्सर जउन कछू हमार बरे किहस ह, ओकरे बारे मँ बताइ।

11 बाणन क तेज करा।
    ढाल ओढ़ा।
यहोवा मादी क राजा लोगन क जगाइ दिहस ह।
    उ ओनका जगाएस ह काहेकि उ बाबुल क नस्ट करइ चाहत ह।
यहोवा बाबुल क लोगन क उ सजा देइ जेकर पचे पात्र अहइँ।
    बाबुल क फउज यरूसलेम मँ यहोवा क मन्दिर क ध्वस्त किहे रही।
    एह बरे यहोवा ओनका उ सजा देइ जउन ओनका मिलइ चाही।
12 बाबुल क देवारन क खिलाफ झण्डन उठाइ ल्या।
    अधिक रच्छक लिआवा।
चौकीदारन क ओनके जगह पइ रखा।
    एक ठु गुप्त हमला बरे तइयार होइ जा।
यहोवा उ करी जउन उ जोजना बनाएस ह।
    यहोवा उ करी जउन उ बाबुल क लोगन क खिलाफ करइ क कहेस।
13 बाबुल तू प्रभूत जल क निअरे अहा।
    तू खजाना स पूर्ण अहा।
    किन्तु रास्ट्र क रूप मँ तोहार अन्त आइ ग अहइ।
    इ तोहका बर्बाद करइ क समइ अहइ।
14 सर्वसक्तीमान यहोवा इ प्रतिग्या आपन नाउँ लइके किहेस ह:
“बाबुल मइँ तोहका निहचइ ही असंख्य सत्रु सेना स भरि देब।
उ पचे टिड्डी दल क नाई होइहीं।
    उ सबइ फउजी तोहरे खिलाफ जितिहीं
    अउर उ पचे तोहरे ऊपर खड़ा होइहीं अउर बिजय घोस करिहीं।”

15 यहोवा आपन महान सक्ति क उपयोग किहस अउर पृथ्वी क बनाएस।
    उ दुनिया क बनावइ बरे आपन बुद्धि क उपयोग किहस।
    उ आपन समुझ क उपयोग अकास क फइलावइ मँ किहस।
16 जब उ गरजन ह तब अकासे क जल गरज उठत ह।
    उ समूची पृथ्वी स बादरन क ऊपर पठवत ह।
उ बर्खा क संग बिजली क पठवत ह।
    उ आपन भण्डार घर स हवा क लिआवत ह।
17 मुला लोग बेववूफ अहइँ।
    उ पचे नाहीं समुझतेन कि परमेस्सर का किहेस ह।
मूर्तिकार मूरतियन बनावत हीं।
    उ पचे सिरिफ लबार देवता अहइँ।
एह बरे उ सबइ परगट करत हीं कि उ मूर्तिकार केतना मूरख अहइँ।
    उ सबइ देवमूरतियन सजीब नाहीं अहइँ।
18 उ सबइ देवमूरतियन बियर्थ अहइँ।
    लोग ओन देवमूरतियन क बनाएन ह
अउर उ पचे मजाक क अलावा कछू नाहीं अहइँ।
    ओनकर निआव क समइ आइ अउर उ सबइ देवमूरतियन नस्ट कइ दीन्ह जइहीं।
19 किन्तु परमेस्सर याकूब क हींसा ओन बियर्थ देवमूरतियन जइसा नाहीं अहइ।
    लोग परमेस्सर क नाहीं बनाएन, परमेस्सर लोगन क बनाएस।
इस्राएल ओकर खास सम्पत्ति अहई।
    परमेस्सर ही सब कछू बनाएस।
ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।

20 यहोवा कहत ह, “बाबुल तू मोर जुद्ध क हथियार ह्वा,
    मइँ तोहार उपयोग रास्ट्रन क कुचरइ बरे करत हउँ।
    मइँ तोहार उपयोग राज्जन क बर्बाद करइ बरे करत हउँ।
21 मइँ तोहार उपयोग घोड़
    अउ घुड़सवार क कुचरइ बरे करत हउँ।
22 मइँ तोहार उपयोग मेहररूअन क कुचरइ बरे करत हउँ।
    मइँ तोहार उपयोग बूढ़ा अउ नउजवान क कुचरइ बरे करत हउँ।
    मइँ तोहार उपयोग नउजवानन अउर नउ जुवतियन क कुचरइ बरे करत हउँ।
23 मइँ तोहार उपयोग गड़रियन अउ ओनकर भेड़िन क खरकन बरे करत हउँ।
    मइँ तोहार उपयोग किसानन अउ बर्धन क कुचरइ बरे करत हउँ।
    मइँ तोहार उपयोग प्रसासकन अउर बड़के अधिकारियन क कुचरइ बरे करत हउँ।
24 मुला मइँ बाबुल क अउर बाबुल क सबहिं लोगन क उल्टा भुगतान करब।
    मइँ ओनका सिय्योन बरे उ पचे जउन बुरा किहन, ओन सब क भुगतान करब।
मइँ ओनका उल्टा भुगतान करब जेहसे सबहिं ओका लखि सका,” यहोवा कहत ह।

25 यहोवा कहत ह,
“बाबुल, तू पहाड़ क गिरावत अहा अउर मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।
    बाबुल, तू पूरा देस नस्ट किहा ह अउर मइँ तोहरे बिरुद्ध हउँ।
मइँ तोहरे बिरुद्ध आपन हाथ बढ़ाउब।
    मइँ तोहका चट्टानन स लुढ़काउब।
    मइँ तोहका जरा भवा पर्वत कइ देब।
26 लोगन क कोने क पाथर बनावइ जोग्ग बड़का पाथर नाहीं मिली।
    उ पचे इमारतन क नेंव बरे कउनो भी चट्टान नाहीं लाइ सकिहीं।
काहेकि तोहार नगर सदा ही क बरे बेकार पाथरन क ढेर बन जाइ,”
    यहोवा कहत ह।

27 “देस मँ जुद्ध क झण्डा उठावा।
    सबहिं रास्ट्रन मँ तुरही बजाइ द्या।
रास्ट्रन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे तइयार करा।
    अरारात मिन्नी अस्कनज राज्जन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे बोलावा।
    ओकरे खिलाफ सेना संचालन बरे सेनापति चुना।
सेना क ओकरे खिलाफ पठवा।
    एतने जियादा घोड़न क पठवा कि उ पचे टिड्डी दल जइसा हो जाइँ।
28 ओकरे खिलाफ रास्ट्रन क जुद्ध बरे तइयार करा।
    मादी क राजा लोगन क तइयार करा।
ओनकर प्रसासकन अउर बड़के अधिकारियन क तइयार करा।
    ओनसे सासित सबहिं देसन क बाबुल क खिलाफ जुद्ध बरे लिआवा।
29 देस क तरह काँपत ह माना पीरा भोगत होइ।
    इ काँपी जब यहोवा बाबुल बनाई जोजना क पूरा करी।
यहोवा जोजना बाबुल क सूना रेगिस्तान बनावइ क अहइ।
    कउनो मनई हुआँ नाहीं रही।
30 कसदी फउजियन लड़ब बन्द कइ दिहन ह।
    उ पचे आपन दुर्गन मँ ठहरा अहइँ।
ओनकर ताकत छीन होइ ग अहइ।
    उ पचे भयभीत अबला क नाई होइ गएन ह।
बाबुल क घर बरत अहइँ।
    ओकर फाटकन क अवरोध टूट गवा अहइँ।
31 एक क पाछे दूसर राजदूत आवत अहइ।
    राजदूत क पाछे राजदूत आवत अहइँ।
उ पचे बाबुल क राजा क खबर सुनावत अहइँ
    कि ओकरे पूरे नगर पइ अधिकार होइ गवा।
32 उ पचे जहाँ स नदियन क पार कीन्ह जात ह अधिकार मँ कइ लीन्ह गवा अहइँ।
    दलदली भुइँया बरत अहइ
    बाबुल क सबहिं फउजी भयभीत अहइँ।”

33 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तीमान यहोवा इ कहत ह:
“बाबुल नगर एक ठु खरिहान जइसा अहइ।
    बाबुल क पीटइ क समइ
    हाली आवत अहइ।”

34 “बाबुल क राजा नबूकदनेस्सर पुराने जमाने मँ हमका नस्ट किहेस।
    पुराने जमाने मँ नबूकदनेस्सर हमका चोट पहोंचाएस।
पुराने जमाने मँ उ हमरे लोगन क लइ गवा
    अउर हम खाली गगरी स होइ गए।
उ हमार सर्वोत्तम चिजियन लिहस।
    उ बिसाल दानव क तरह रहा जउन तब तलक सब कछू खात रहा
जब तलक ओकर पेट न भरा।
    उ सर्वोत्तम चिजियन लइ गवा, अउर हम लोगन क दूर लोकाइ दिहस।
35 बाबुल हमका चोट पहोंचावइ बरे भयंकर करम किहस
    अउर अब मइँ चाहत हउँ बाबुल क संग वइसा ही घटित होइ।”

सिय्योन मँ रहइवाले लोगन इ कहेन,
“बाबुल हमरे लोगन क मारइ क अपराधी अहइ
    अउर अब उ पचे बुरे करमन बरे सजा पावत अहइँ जउन उ पचे किहे रहेन।”
    यरूसलेम नगर इ सब कहेस।
36 एह बरे यहोवा कहत ह,
“यहूदा मइँ तोहार रच्छा करब।
    मइँ इ निहचइ लखब कि बाबुल क सजा मिलइ।
मइँ बाबुल क समुद्रर क झुराइ देब
    अउर मइँ ओकरे पानी क सोतन क सुखाइ देब।
37 बाबुल बर्बाद इमारतन क ढेर बन जाइ।
    बाबुल जंगली कुकुरन क तरह क ठउर बनी।
लोग चट्टानन क ढेर क लखिहीं अउर चकित होइहीं।
    लोग बाबुल क बारे मँ आपन मूँड़ि हिलइहीं।
    बाबुल अइसी जगह होइ जाइ जहाँ कउनो भी नाहीं रही।

38 “बाबुल क लोग गरजत भए जवान सेर क तरह अहइँ।
    उ पचे सेर क बच्चन क तरह गुर्रात हीं।
39 उ सबइ लोग उत्तेजित सेरन क सा काम करत अहइँ।
    मइँ ओनका दावत देब।
    मइँ ओनका मत्त बनाउब।
उ पचे हँसिहीं अउर आनन्द क समइ बितइहीं
    अउर तब उ पचे सदा ही क बरे सोइ जइहीं।
    उ पचे कबहुँ नाहीं जागिहीं।”

यहोवा इ सबइ कहेस।
40 “मइँ बाबुल क लोगन क मार डावा जाइ बरे लइ जाब।
    बाबुल मारा जाइ क प्रतीच्छा करइवाली भेड़िन, मेमनन अउर बोकरियन जइसा होइ।

41 “सेसक पराजित होइ।
    सारी पृथ्वी क उत्तिम अउ सब स जियादा गर्वीला देस कैदी होइ।
दूसर रास्ट्रन क लोग बाबुल पइ निगाह डइहीं
    अउर जउन कछू उ पचे लखिहीं ओहसे उ पचे भयभीत होइ उठिहीं।
42 बाबुल पइ सागर उमड़ि पड़ी।
    ओकर गरजत तरंगन ओका ढकि लेइहीं।
43 तब बाबुल क नगर बर्बाद अउर सूना होइ जइहीं।
    बाबुल एक झुरान रेगिस्तान बन जाइ।
इ अइसा देस बनी जहाँ कउनो मनई नाहीं रही,
    लोग बाबुल स जात्रा भी नाहीं करिहीं।
44 मइँ बेल देवता क बाबुल मँ सजा देब।
    मइँ ओकरे जरिये लील लीन्ह मनइयन क उगलावाउब।
दूसर रास्ट्र बाबुल मँ नाहीं अइहीं
    बाबुल नगर क चहारदीवारी गिर जाइ।
45 मोर लोगो, बाबुल नगर स बाहेर निकरा।
    आपन जिन्नगी बचावइ भाग चला।
    यहोवा क तेज किरोध स बचिके पराअ।

46 “मोरे लोगो, दुःखी जिन ह्वा।
    अफवाहन उड़िहीं किन्तु डेराअ जिन।
इ बरिस एक अफवाह उड़ति ह।
    अगले बरिस दूसर अफवाह उड़ी।
देस मँ भयंकर जुद्ध क बारे मँ अफवाहन उड़िहीं।
    सासकन क दूसर सासकन क खिलाफ जुद्ध क बरे मँ अफवाहन उड़िहीं।
47 निहचइ ही उ समइ आइ जब मइँ बाबुल क लबार देवतन क सजा देब
    अउर पूरा बाबुल देस लज्जा क पात्र बनी।
उ नगर क सड़कियन पइ
    अनगिनत मरे मनई पड़ा होइहीं।
48 तब पृथ्वी अउर अकास अउ ओकरे भीतर क सबहिं चिजियन
    बाबुल पइ खुस होइके गावइ लगिहीं,
उ पचे जय जयकार करिहीं, काहेकि सेना उत्तर स आई,
    अउर बाबुल क खिलाफ लड़ी।”
इ सब यहोवा कहेस ह।

49 “बाबुल इस्राएल क लोगन क मारेस।
    बाबुल सारी पृथ्वी पइ भी लोगन क मारेस।
50 लोगो, तू तरवार क घाट उतरइ स बच निकर्या,
    तू पचन्क हाली करइ चाही अउर बाबुल क छोड़इ चाही।
    प्रतीच्छा न करो।
तू पचे दूर देस मँ अहा।
    किन्तु जहाँ कहूँ रहा यहोवा क सुमिरा अउर यरूसलेम क सुमिरा।”

51 “यहूदा क हम लोग लज्जित अही।
    हम लज्जित अही
काहेकि हमार अपमान भवा।
    काहेकि बिदेसी यहोवा क मन्दिर क पवित्तर ठउरन मँ प्रवेस कइ चुका अहइँ।”

52 यहोवा कहत ह, “समइ आवत अहइ
    जब मइँ बाबुल क देवमूरतियन क सजा देब।
उ समइ उ देस मँ
    सर्वत्र घायल लोग पीरा स रोइहीं।
53 बाबुल उठत चला जाइ जब तलक उ अकास स छुइ लेइ।
    बाबुल आपन किलन क मजबूत बनाई।
किन्तु मइँ उ नगर क खिलाफ लड़इ बरे लोगन क पठउब
    अउर उ सबइ लोग ओका नस्ट कइ देइहीं।”
इ सबइ यहोवा कहेस।

54 “हम बाबुल मँ लोगन क रोउब सुन सकित ह।
    हम कसदी लोगन क देस मँ चिजियन क नस्ट करइवाले लोगन क सोर सुनि सकित ह।
55 यहोवा बहोत हाली बाबुल क नस्ट करी।
    उ नगर क गरजना क चुप कइ देइ।
दुस्मन सागरे क गरजत तरंगन क तरह टूट पड़िहीं।
    चारिहुँ कइँती क लोग उ गरज क सुनिहीं।
56 फउज आइ अउर बाबुल क नस्ट करी।
    बाबुल क फउजी धरा जइहीं।
    ओनकर धनुस टूटिहीं।
काहेकि यहोवा ओन लोगन क सजा देत ह जउन बुरा करत हीं।
    यहोवा ओनका पूरी सजा देत ह जेकर उ पचे पात्र अहइँ।
57 मइँ बाबुल क बड़के पदाधिकारियन
    अउर बुद्धिमान लोगन क मत्त कइ देब।
ओकर प्रसंसकन, अधिकारियन
    अउर फउजियन क भी मत्त करब।
तब उ पचे सदा ही क बरे सोइ जइहीं,
    उ पचे कबहुँ नाहीं जागिहीं।”
राजा इ कहेस
    ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान यहोवा अहइ।

58 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“बाबुल क मोटकी अउ मजबूत देवार गिराइ दीन्ह जाइ।
    एकर ऊँच दुआर जराइ दीन्ह जइहीं।
बाबुल क लोग कठिन मेहनत करिहीं
    पइ ओकर कउनो लाभ नाहीं होइ।
उ पचे नगर क बचावइ क जतन मँ बहोत थक जइहीं,
    किन्तु उ पचे लपटन क सिरिफ ईर्धन होइहीं।”

यिर्मयाह बाबुल क एक ठु सँदेसा पठवत ह

59 इ उ सँदेसा अहइ जेका यिर्मयाह नबी महसेयाह क पूत नेरिय्याह, नरेय्यिह क पूत सरायाह नाउँ क अधिकारी क दिहस। सरायाह यहूदा क राजा सिदकिय्याह क संग बाबुल गवा रहा। यहूदा क राजा सिदकिय्याह क राज्जकाल क चउथे बरिस मँ इ भवा। सरायाह कर क अधिकारी रहा। 60 यिर्मयाह पत्रक पइ ओन सब भयंकर घटनन क लिखत रहा जउन बाबुल मँ घटइवाली रहिन। उ इ सब बाबुल क बारे मँ लिखत रहा।

61 यिर्मयाह सरायाह स कहेस, “सरायाह, बाबुल जा। निहचइ करा कि इ सँदेसा तू इ तरह बाँचा कि सबहिं लोग सुनि लेइँ। 62 एकरे पाछे कहा, ‘हे यहोवा तू कहया ह कि तू इ बाबुल नाउँ क जगह क नस्ट करब्या। तू एक अइसे नस्ट करब्या कि कउनो मनई या जानवर हिआँ नाहीं रही। इ सदा ही क बरे सूना अउर बर्बाद ठउर होइ जाइ।’ 63 जब तू पत्रक बाँच चुका तउ एहसे एक ठु पाथर बाँधा। तब इ पत्रक क परात नदी मँ डाइ द्या। 64 तब कहा, ‘बाबुल इहइ तरह बूड़ी। बाबुल फुन कबहुँ नाहीं उठी। बाबुल बूड़ी काहेकि मइँ हुआँ भयंकर बिपत्तियन ढाउब।’”

यिर्मयाह क सब्द हिआँ खतम भएन।