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एक पीड़ित मनई क उ समय क पराथना जब उ आपन क टूटा भवा महसूस करत ह अउर आपन वेदना अउ कस्टे क यहोवा स कहि डाकइ चाहत ह।

हे यहोवा, मोर पराथना क सुना।
    मोर पराथना क तोहे तलक आवइ द्या।
जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ मोका नज़र अंदाज़ जिन करा।
    जब मइँ तोहार पराथना करेउँ तउ तू मोर सुना मोर पराथना क हाली जवाब द्या।
मोर जिन्नगी वइसे बीती रही जइसे उड़त भवा धुआँ।
    मोर सक्ति अइसे अहइ जइसे धीरे धीरे बुझत आग।
मोर सक्ति छीन होइ चुकी अहइ।
    मइँ वइसा ही अहउँ जइसा झुरान मुरझान घास।
    आपन सबइ वेदना मँ मोका भूख नाहीं लागत।
दुःख क कारण,
    मइँ सिरिफ चमड़ा अउर हड्डियन होइ गवा अहउँ।
मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो एकान्त निर्जन जगह मँ उल्लू रहत होइ।
    मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो पुरान खण्डहर मँ उल्लू रहत होइ।
मइँ जाग कइ पूरी रात पहरा करत हउँ।
    मइँ उ अकेले पंछी जइसा होइ गवा हउँ, जउन छते पइ बइठा भवा होइ।
मोर सत्रु सदा मोका बेइज्जत करत हीं,
    अउर लोग मोर नाम लइके मोर हँसी उड़ावत हीं।
दुःख मोर खइया होइ गवा अहइ।
    आँसू नीचे लुढ़किके मोर पिअइया बन जात ह।
10 काहेकि यहोवा तू मोसे रूठ गवा अहा।
    तू ही मोका ऊपर उठाए रह्या, अउर तू ही मोका बहाइ दिहा।

11 मोर जिन्नगी क लगभग अंत होइ चुका अहइ।
    वइसे ही जइसे साँझ क लम्बी छाया हेराइ जात हीं।
    मइँ वइसा ही अहउँ जइसे झुरान अउ मुरझान घास।
12 मुला हे यहोवा, तू तउ सदा ही अमर रहब्या।
    तोहार नाउँ सदा अउ सदा ही बना रही।
13 तोहार उत्थान होइ अउ तू सिय्योन क चइन देब्या।
    उ समइ आवत अहइ, जब तू सिय्योन पइ कृपालु होब्या।
14 तोहार सेवकन सिय्योन क पाथरन स पिरेम करत हीं।
    उ पचे ओकरे धूरि स भी पिरेम करत हीं।
15 रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क आराधना करिहीं।
    हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार आदर करिहीं।
16 जब यहोवा फुन स सिय्योन क बनाई।
    तउ उ आपन पूरी महिमा मँ परगट होइ।
17 जउन लोगन जिअत अहइ, उ ओनकर पराथना सुनीहीं।
    उ ओनकर पराथनन क नज़र अंदाज़ नाहीं करी।
18 ओन बातन क लिखा ताकि भविस्स क पीढ़ी पढ़इ।
    ताकि जउन लोग अवइ वाला समइ मँ पइदा होइहीं यहोवा क स्तुति करिहीं।
19 यहोवा आपन ऊँच पवित्तर ठउर स खाले निहारी
    यहोवा सरण स खाले धरती पइ निहारी।
20 उ कैदी लोगन क पराथना सुनी।
    उ ओन मनइयन क मुक्त करी जेनका राजा स मउत दीन्ह गइ रही।
21 फुन सिय्योन मँ लोग यहोवा क बखान करिहीं।
    यरूसलेम मँ लोग यहोवा क गुण गइहीं।
22 अइसा तब होइ जब यहोवा लोगन क फिन बटोरी,
    अइसा तब होइ जब राज्ज यहोवा क सेवा करिहीं।

23 मोर सक्ती मोका बिसराइ दिहस ह।
    यहोवा मोर जिन्नगी घटाइ दिहस ह।
24 एह बरे मइँ कहेउँ, “मोर प्राण छोटी उमर मँ जिन ल्या।
    हे परमेस्सर, तू सदा अउ सर्वदा अमर रहब्या!
25 पुराने जमाने मँ तू संसार रच्या ह।
    तू खुद अपने हाथन स आकास रच्या।
26 इ जगत अउ आकास नस्ट होइ जइहीं, मुला तू ही सदा जिअत रहब्या।
    उ सबइ ओढ़नन क नाई फट जइहीं।
ओढ़नन क नाई ही तू ओनका बदलब्या।
    उ पचे सबहिं बदल दीन्ह जइहीं।
27 हे परमेस्सर, मुला तू कबहुँ नाहीं बदलत्या;
    तू सदा बरे अमर रहब्या।
28 आज हम तोहार दास अही।
    हमार संतान भविस्स मँ हिअँइ रइहीं
    अउर ओनकर संतानन हिअँइ तोहार उपासना करिहीं।”