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यहोवा का मान करो क्योंकि वह परमेश्वर है।
    उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!
इस्राएल यह कहता है,
    “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
याजक ऐसा कहते हैं,
    “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”
तुम लोग जो यहोवा की उपासना करते हो, कहा करते हो,
    “उसका सच्चा प्रेम सदा ही अटल रहता है!”

मैं संकट में था सो सहारा पाने को मैंने यहोवा को पुकारा।
    यहोवा ने मुझको उत्तर दिया और यहोवा ने मुझको मुक्त किया।
यहोवा मेरे साथ है सो मैं कभी नहीं डरूँगा।
    लोग मुझको हानि पहुँचाने कुछ नहीं कर सकते।
यहोवा मेरा सहायक है।
    मैं अपने शत्रुओं को पराजित देखूँगा।
मनुष्यों पर भरोसा रखने से
    यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।
अपने मुखियाओं पर भरोसा रखने से
    यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।

10 मुझको अनेक शत्रुओं ने घेर लिया है।
    यहोवा की शक्ति से मैंने अपने बैरियों को हरा दिया।
11 शत्रुओं ने मुझको फिर घेर लिया।
    यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।
12 शत्रुओं ने मुझे मधु मक्खियों के झुण्ड सा घेरा।
    किन्तु, वे एक शीघ्र जलती हुई झाड़ी के समान नष्ट हुआ।
यहोवा की शक्ति से मैंने उनको हराया।

13 मेरे शत्रुओं ने मुझ पर प्रहार किया और मुझे लगभग बर्बाद कर दिया
    किन्तु यहोवा ने मुझको सहारा दिया।
14 यहोवा मेरी शक्ति और मेरा विजय गीत है।
    यहोवा मेरी रक्षा करता है।
15 सज्जनों के घर में जो विजय पर्व मन रहा तुम उसको सुन सकते हो।
    देखो, यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर दिखाई है।
16 यहोवा की भुजाये विजय में उठी हुई हैं।
    देखो यहोवा ने अपनी महाशक्ति फिर से दिखाई।

17 मैं जीवित रहूँगा, मैं मरूँगा नहीं,
    और जो कर्म यहोवा ने किये हैं, मैं उनका बखान करूँगा।
18 यहोवा ने मुझे दण्ड दिया
    किन्तु मरने नहीं दिया।
19 हे पुण्य के द्वारों तुम मेरे लिये खुल जाओ
    ताकि मैं भीतर आ पाऊँ और यहोवा की आराधना करूँ।
20 वे यहोवा के द्वार है।
    बस केवल सज्जन ही उन द्वारों से होकर जा सकते हैं।
21 हे यहोवा, मेरी विनती का उत्तर देने के लिये तेरा धन्यवाद।
    मेरी रक्षा के लिये मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ।

22 जिसको राज मिस्त्रियों ने नकार दिया था
    वही पत्थर कोने का पत्थर बन गया।
23 यहोवा ने इसे घटित किया
    और हम तो सोचते हैं यह अद्भुत है!
24 यहोवा ने आज के दिन को बनाया है।
    आओ हम हर्ष का अनुभव करें और आज आनन्दित हो जाये!

25 लोग बोले, “यहोवा के गुण गाओ!
    यहोवा ने हमारी रक्षा की है!
26 उस सब का स्वागत करो जो यहोवा के नाम में आ रहे हैं।”

    याजकों ने उत्तर दिया, “यहोवा के घर में हम तुम्हारा स्वागत करते हैं!
27 यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है।
    बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”

28 हे यहोवा, तू हमारा परमेश्वर है, और मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
    मैं तेरे गुण गाता हूँ!
29 यहोवा की प्रशंसा करो क्योंकि वह उत्तम है।
    उसकी सत्य करूणा सदा बनी रहती है।

'भजन संहिता 118 ' not found for the version: Saral Hindi Bible.