रोमीमन 10
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)
10 हे भाईमन हो! इसरायलीमन बर मोर दिल के ईछा अऊ परमेसर ले पराथना हवय कि ओमन उद्धार पावंय। 2 काबरकि मेंह ओमन बर गवाही दे सकथंव कि ओमन के हिरदय म परमेसर खातिर उत्साह हवय, पर ओमन के उत्साह ह गियान के ऊपर अधारित नइं ए। 3 ओमन ओ बात ला नइं जानिन कि कइसने परमेसर ह मनखे ला धरमी बनाथे, पर ओमन मूसा के कानून ला माने के दुवारा खुद धरमी बने के कोसिस करिन। ओमन परमेसर के मुताबिक धरमी बने नइं चाहिन। 4 मसीह ह मूसा के कानून के अंत अय, ताकि जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करय, ओह परमेसर के नजर म धरमी ठहरय।
5 कानून ला माने के दुवारा जऊन धरमीपन होथे, ओकर बारे म मूसा ह ए किसम ले लिखथे, “जऊन मनखे कानून के पालन करही, ओह एकर दुवारा जीयत रहिही।”[a] 6 पर जऊन धरमीपन ह बिसवास ऊपर अधारित अय, ओकर बारे म ए कहे गे हवय, “तुमन अपन हिरदय म ए झन कहव, कि स्वरग ऊपर कोन जाही।”[b] (कि ओह मसीह ला उहां ले उतार लानय), 7 या अइसने घलो झन कहव, “गहिरई म कोन उतरही।”[c] (कि ओह मसीह ला मरे म ले जियाके ऊपर लानय)। 8 पर ओम ए घलो लिखाय हवय: “परमेसर के बचन ह तोर लकठा म हवय; एह तोर मुहूं म अऊ तोर हिरदय म हवय।”[d] एह ओही बिसवास के बचन अय, जेकर परचार हमन करथन। 9 यदि तेंह अपन मुहूं ले कबूल करथस कि यीसू ह परभू अय अऊ अपन हिरदय म बिसवास करथस कि परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस, त तेंह उद्धार पाबे। 10 काबरकि मनखे ह अपन हिरदय म बिसवास करे के दुवारा परमेसर के नजर म सही ठहिरथे अऊ मुहूं ले कबूल करे के दुवारा उद्धार पाथे। 11 परमेसर के बचन ह ए कहिथे, “जऊन कोनो ओकर (यीसू) ऊपर बिसवास करही, ओला लज्जित होय बर नइं पड़ही।”[e] 12 यहूदी अऊ आनजात म कोनो फरक नइं ए। ओही परभू ह जम्मो झन के परभू अय, अऊ ओह ओमन ला बहुंते आसिस देथे, जऊन मन ओकर नांव लेथें, 13 काबरकि “हर ओ मनखे जऊन ह परभू के नांव लेथे, ओह उद्धार पाही।”[f]
14 पर जब ओमन ओकर ऊपर बिसवास नइं करे हवंय, त ओकर नांव कइसने ले सकथें? अऊ ओमन ओकर ऊपर कइसने बिसवास कर सकथें, जब ओमन ओकर बारे म कभू नइं सुने हवंय? अऊ ओमन ओकर बारे म कइसने सुनंय, जब तक कि कोनो ओमन ला नइं बतावय? 15 अऊ ओमन ओकर परचार कइसने कर सकथें, जब तक ओमन ला पठोय नइं जावय? जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय, “कतेक सुघर होथे ओमन के अवई ह, जऊन मन सुघर संदेस लेके आथें।”[g]
16 पर जम्मो इसरायलीमन सुघर संदेस ला नइं मानिन। यसायाह अगमजानी ह कहे हवय, “हे परभू! कोन ह हमर संदेस ऊपर बिसवास करिस?”[h] 17 बिसवास ह संदेस के सुने ले होथे, अऊ संदेस के सुनई ह मसीह के बचन ले होथे। 18 पर मेंह पुछत हंव – का ओमन नइं सुनिन? ओमन जरूर सुनिन; काबरकि परमेसर के बचन म लिखे हवय:
“ओमन के अवाज ह जम्मो धरती म,
अऊ ओमन के बचन ह संसार के छोर तक हबर गे हवय।”[i]
19 मेंह फेर पुछत हंव – का इसरायलीमन नइं समझिन? पहिली मूसा ह कहिस,
“जऊन मन जाति नो हंय, ओमन के दुवारा मेंह तुमन म जलन पैदा करहूं,
एक मुरुख जाति के दुवारा, मेंह तुमन म कोरोध पैदा करहूं।”[j]
20 यसायाह अगमजानी ह बहुंत हिम्मत के संग कहिथे,
“जऊन मन मोला नइं खोजत रिहिन,
ओमन मोला पा गीन,
अऊ जऊन मन मोर बारे म पुछत घलो नइं रिहिन,
ओमन ऊपर मेंह अपन-आप ला परगट करेंव।”[k]
21 पर इसरायलीमन के बारे म, ओह कहिथे,
“मेंह दिन भर अइसने मनखेमन कोति अपन हांथ ला ओमन के सुवागत खातिर पसारे रहेंव,
जऊन मन हुकूम मनइया नो हंय अऊ ढीठ अंय।”[l]
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