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आखिरी दिन म अभक्ति

ए बात ला जान ले कि संसार के आखिरी दिनमन म कठिन समय आही। मनखेमन अपन-आप ले अऊ पईसा ले मया करइया, डींगमार, घमंडी, गाली-गलौच करइया, दाई-ददा के कहना नइं मनइया, अहसान नइं मनइया, अपबितर, बिगर मया के, छेमा नइं करइया, निन्दा करइया, असंयमी, निरदयी, भलई के बईरी, बिस‍वासघात करइया, उतावला, अभिमानी अऊ परमेसर म नइं, पर भोग-बिलास म मन लगइया होहीं। ओमन भक्ति के भेस धरहीं, पर एकर सामरथ ला नइं मानहीं। अइसने मनखेमन ले दूरिहा रहे कर।

ओमन अइसने मनखे अंय, जऊन मन घर म कलेचुप घूसरथें अऊ ओ छिछोरी माईलोगनमन ला बस म कर लेथें, जऊन मन पाप ले दबे अऊ जम्मो किसम के वासना के बस म हवंय। ए माईलोगनमन हमेसा सीखत तो रहिथें, पर सच्‍चई के पहिचान कभू नइं कर सकंय। जइसने यन्नेस अऊ यम्ब्रेस, मूसा के बिरोध करिन, वइसने ए मनखेमन घलो सच्‍चई के बिरोध करथें। एमन अइसने मनखे अंय, जेमन के दिमाग ह खराप हो गे हवय अऊ एमन बिसवास ला छोंड़ दे हवंय। पर एमन जादा आघू नइं जा सकंय, काबरकि जम्मो झन ओमन के मूर्खता ला जान लिहीं, जइसने कि मूसा के बिरोधीमन संग होय रिहिस।

पौलुस के तीमुथियुस ला निरदेस

10 पर तेंह मोर जम्मो उपदेस, मोर चाल-चलन, मोर उदेस्य, बिसवास, धीरज, मया, सहनसीलता, 11 सताय जवई अऊ मोर दुःख उठई ला जानथस। तेंह जानथस कि अंताकिया, इकुनियुम अऊ लुस्त्रा सहर म, मेंह कतेक दुःख-तकलीफ सहे हवंव। पर परभू ह मोला ओ जम्मो ले बचाईस। 12 एह सच ए कि जऊन ह मसीह यीसू म भक्ति के जिनगी जीये चाहथे, ओला सताय जाही। 13 जबकि दुस्‍ट मनखे अऊ धोखेबाजमन धोखा देवत अऊ खुदे धोखा खावत अऊ बिगड़त जाहीं। 14 पर तेंह जऊन बातमन ला सिखे अऊ बिसवास करे हवस, ओम मजबूत होवत जा, काबरकि तेंह ओमन ला जानथस, जेमन ले तेंह ए बातमन ला सिखे हवस, 15 अऊ सुरता रख कि कइसने लइकापन ले, तेंह परमेसर के पबितर बचन ला जाने हवस, जऊन ह तोला मसीह यीसू म बिसवास के दुवारा, तोला उद्धार पाय खातिर सिकछा दे सकथे। 16 परमेसर के जम्मो बचन ह परमेसर के परेरना ले लिखे गे हवय अऊ एह उपदेस देय बर, गलती म डांटे बर, सुधारे बर अऊ धरमीपन के सिकछा देय बर उपयोगी ए, 17 ताकि परमेसर के जन ह सिद्ध बनय अऊ हर बने काम बर पूरा-पूरी तियार हो सकय।