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मन्दिर मँ करार क सन्दूख

तब राजा सुलैमान इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन, परिवार समूहन क प्रमुखन अउ इस्राएल क परिवारन क प्रमुखन क एक संग यरूसलेम मँ बोलाएस। सुलैमान ओनका सामिल करइ चाहत रहा कि उ पचे करार क सन्दूख क दाऊद नगर स मन्दिर मँ लिआवइँ। एह बरे इस्राएल क सबहिं लोग इकट्ठा होइके राजा सुलैमान क लगे आएन। इ एतानीम महीना मँ कुटीर क त्यौहार क मौका रहा, इ बरिस क सतवाँ महीना रहा।

3-4 इस्राएल क सबहिं बुर्जुगन उ ठउरे पइ आएन। तब याजक लोग पवित्तर सन्दूख उठाएन। उ पचे पवित्तर तम्बू अउ तम्बू मँ क सबहिं चिजियन सहित यहोवा क पवित्तर सन्दूख क लइ आएन। लेवी वंसियन याजक लोगन क मदद एन चिजियन क लइ जाइ मँ किहेन। राजा सुलैमान अउर इस्राएल क सबहिं लोग करार क सन्दूख क समन्वा इकट्ठे भएन। उ पचे अनेक बलि भेंट किहन। उ पचे ऍतना जियादा भेंड़िन अउ गोरुअन मारेन कि ओन सबहिं क कउनो मनई गनइ या दर्ज करइ मँ सार्मथ नाहीं रहा। तब याजक लोग यहोवा क करार क सन्दूखे क ओकरे उचित ठउरे पइ धरेन। इ मन्दिर क भीतर सब स जियादा पवित्तर ठउरे मँ रहा। करार क सन्दूख करूब सरगदूतन क पखनन क खाले धरा गवा। करूब सरगदूतन क पखना करार क सन्दूख क अउर ओका लइ चलइ मँ सहायक बल्लियन क ढाँपे रहेन। इ सबइ सहायक बल्लिायन बहोत बड़ी रहिन। जदि कउनो मनई पवित्तर ठउर मँ सब स जियादा पवित्तर ठउर क समन्वा खड़ा होइ, तउ उ बल्लियन क सिरन क लख सकत ह। किन्तु बाहेर क कउनो भी ओनका नाहीं लख सकत। उ सबइ बल्लियन आजु भी हुँवा अहइँ। हिआँ पवित्तर सन्दूख क भीतर सिरिफ दुइ सिलन रहिन। उ सबइ दुइ सिलन उहइ रहिन जेनका मूसा होरेब नाउँ क ठउरे पइ पवित्तर सन्दूख मँ धरे रहेन। होरेब उ ठउर रहा जहाँ यहोवा इस्राएल क लोगन क संग ओनके मिस्र स बाहेर आवइ क पाछे करार किहस।

10 याजक सन्दूखे क सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरेस। जब याजक पवित्तर ठउर स बाहेर आएन तउ बादल यहोवा क मन्दिर मँ भर गवा। 11 याजक आपन सेवा करत नाहीं रहि सकेन काहेकि बादर क कारण मन्दिर यहोवा क प्रताप स भर गवा रहा। 12 तब सुलैमान कहेस:

“यहोवा अकासे मँ सूरज चमकाएस,
    मुला उ करिआ बादर मँ रहब पसन्द किहेस।
13 मइँ तोहरे बरे एक सानदार मन्दिर बनाएउँ,
    एक निवास जेहमाँ तू सदा ही रहब्या।”

14 इस्राएल क सबहिं लोग हुँवा खड़े रहेन। एह बरे सुलैमान ओनकी ओर मुड़ा अउर परमेस्सर ओनका आसीर्बाद देइ क कहेस। 15 तब राजा सुलैमान यहोवा स एक लम्बी पराथना किहस। उ जउन पराथना किहस उ इ अहइ:

“इस्राएल क यहोवा परमेस्सर क प्रसंसा करा। यहोवा मोर पिता दाऊद स जउन कछु प्रतिग्या किहेस ओनका उ खुद पूरा किहस ह। यहवा मोरे बाप स कहेस, 16 ‘मइँ अपने लोगन, इस्राएल क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। लेकिन मइँ अबहिँ तलक इस्राएल परिवार समूह स कउनो नगर क नाहीं चुनेउँ ह, कि मोका सम्मान देइ बरे मन्दिर-निर्माण करइ। अउर मइँ इस्राएलियन क नेता कउनो मनई क नाहीं चुनेस ह। किन्तु अब मइँ यरूसलेम क चुनेउँ ह जहाँ मइँ सम्मानित होत रहब अउर मइँ दाऊद क इस्राएली लोगन पइ हुकूमत करइ बरे चुनेउँ ह।’

17 “मोर बाप दाऊद जियादा चाहत रहेन कि उ पचे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर क सम्मान बरे मन्दिर बनावइँ। 18 किन्तु यहोवा मोर बाप दाऊद स कहेस, ‘मइँ जानत हउँ कि तू मोरे सम्मान बरे मन्दिर बनावइ क प्रबल इच्छा रखत अहा अउर इ नीक अहइ कि तू मोर मन्दिर बनावइ चाहत अहा। 19 किन्तु तू उ मनई नाहीं अहा जेका मइँ मन्दिर बनावइ बरे चुनेउँ ह। तोहार पूत मोर मन्दिर बनाई।’

20 “इ तरह यहोवा जउन प्रतिग्या किहे रहा ओका पूरी कइ दिहेउँ ह। अब मइँ अपने बाप दाऊद क ठउरे पइ राजा अहउँ। अब मइँ यहोवा क प्रतिग्या क अनुसार इस्राएल क लोगन पइ सासन करत हउँ अउर मइँ यहोवा इस्राएल क परमेस्सर बरे मन्दिर बनाएउँ ह। 21 मइँ मन्दिर मँ एक ठउर पवित्तर सन्दूखे बरे बनाएउँ ह। उ पवित्तर सन्दूखे मँ उ करार अहइ जउन वाचा यहोवा हमरे पुरखन क संग किहे रहा। यहोवा उ वाचा तब किहेस जब उ हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लइ आवा रहा।”

22 तब सुलैमान यहोवा क वेदी क समन्वा खड़ा भवा। सबहिं लोग ओकरे समन्वा खड़े भएन। राजा सुलैमान अपने हाथन क अकासे कइँती फइलाएस। 23 उ कहेस,

“हे यहोवा इस्राएल क परमेस्सर तोहरे समान धरती पइ या अकास मँ कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ। तू अपने लोगन क संग करार किहा अउर ओहमाँ कायम रह्या। तू ओन लोगन क बरे दयालु अउर स्नेहपूर्ण रहा जउन तोहार अनुसरण आपन पूरा हिरदइ स करत हीं। 24 तू अपने सेवक मोरे बाप दाऊद स, एक प्रतिग्या किहे रह्या अउर तू उ पूरी किहा ह। तू उ प्रतिग्या खुद अपने मुँह स किहे रह्या अउर तू अपनी महान सक्ती स उ प्रतिग्या क आज फुरइ घटित होइ दिहा ह। 25 अब, यहोवा इस्राएल क परमेस्सर, ओन दूसर प्रतिग्यन क पूरा करा जउन तू अपने सेवक, मोर बाप दाऊद स किहे रह्या। तू कहे रह्या, ‘दाऊद जइसा तू किहा वइसे ही तोहार सन्तानन क मोर हुकुम क पालन होसियारी स करइ चाही। जदि उ पचे अइसा करिहीं तउ तोहरे परिवार क कउनो न कउनो मनई सदा इस्राएल क लोगन पइ सासन करी।’ 26 अउर हे यहोवा, इस्राएल क परमेस्सर, मइँ फुन तोहसे माँगत हउँ कि तू कृपा कइके मोरे बाप क संग कीन्ह गइ प्रतिग्या क पूरी करत रहा।

27 “मुला परमेस्सर, का तू फुरइ इ धरती पइ हम लोगन क संग रहब्या? तोहका सारा आकास अउ सरग क उच्चतम ठउर भी धारण नाहीं कइ सकत्या? निहचइ ही इ मन्दिर भी, जेका मइँ बनाएउँ ह, तोहका धारण नाहीं कइ सकत। 28 मुला तू मोर पराथना अउ मोरे निवेदन पइ धियान द्या। मइँ तोहार सेवक हउँ अउर तू मोर यहोवा परमेस्सर अहा। इ पराथना क तू स्वीकार करा जेका आज मइँ तोहसे करत हुउँ। 29 बीते समइ मँ तू कहया रहा, ‘मोर हुवाँ सम्मान कीन्ह जाइ।’ एह बरे इ मन्दिर क देख-रेख दिन-रात करा। कृप्या कइके तू मोर, आपन सेवक क पराथना क सुन्या, जेका मइँ तोहसे इ मन्दिर मँ कहत हउँ। 30 यहोवा, मइँ अउर तोहरे इस्राएल क लोग इ मन्दिर की ओर पराथना करिहीं। कृपा कइके एन पराथनन पइ धियान द्या। हम जानित ह कि तू सरग मँ रहत ह। कृप्या कइके हुँवा स आपन सेवक क पराथना सुन्या अउर हम क छिमा कर्या।

31 “जदि कउने मनई कउनो दूसर मनई क खिलाफ कउनो अपराध करी तउ उ हिआँ तोहरी वेदी क लगे लिआवा जाइ। जदि उ मनई दोखी नाहीं अहइ तउ उ एक किरिया लेइ। उ किरिया लेइ कि उ निदोर्ख अहइ। 32 उ समइ तू सरग मँ सुना अउर उ मनई क संग निआव करा। जदि उ मनई अपराधी अहइ तउ कृपा कइके हम क दिखावा कि उ अपराधी अहइ। जदि उ मनई निरपराध अहइ तउ हमक दिखावा कि उ अपराधी नाहीं अहइ।

33 “कबहुँ-कबहुँ तोहरे इस्राएल क लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं अउर ओनकर दुस्मन ओनका हराइ देइहीं। तब लोग तोहरे लगे लउटिहीं अउर उ सबइ लोग इ मन्दिर मँ तोहार नाउँ क स्तुति करिहीं अउ तोहसे पराथना अउर निवेदन करइहीं। 34 तउ मेहरबानी कइके सरग स ओनकर पराथना सुना। तब अपने इस्राएली लोगन क पापन क छिमा करा अउर ओनकर भुइँया ओनका फुन स प्राप्त करइ द्या। तू इ भुइँया ओनके पुरखन क दइ दिहे रह्या।

35 “कबहुँ-कबहुँ उ पचे तोहरे खिलाफ पाप करिहिं, अउर तू ओनकर भुइँया पर बर्खा होब बन्द कइ देब्या। तब उ पचे इ ठउरे की ओर मुँह कइके पराथना करिहीं। अउर तोहरे नाउँ क स्मुर्ति करहीं। तू ओनका कस्ट सहइ देब्या अउर उ पचे अपने पापन वापिस घूमि जाइहीं। 36 एह बरे मेहरबानी स सरग मँ ओनकर पराथना सुना। तब हम पचन्क हमरे पापन बरे छिमा करा। लोगन क सच्ची जिन्नगी जिअई क सिच्छा द्या। हे यहोवा तब कृपा कइके तू उ भुइँया पई बर्खा करा जेका तू ओनका दिहा ह।

37 “भुइँया बहोत जियादा झुराइ सकत ह अउर ओह पइ कउनो अन्न उग नाहीं सकी। संभव अहइ लोगन मँ महामारी फइलइ। संभव अहइ सारा पइदा भवा अन्न कीड़न मकोड़न क जरिये बर्बाद कइ दीन्ह जाइ या तोहार लोग अपने कछू नगरन मँ अपने दुस्मनन क हमला क सिकार बनइँ या तोहार अनेक लोग बीमार पड़ि जाइँ। 38 जब एनमाँ स कछू भी घटित होइ, अउर एक भी मनइ अपने पापन बरे पछतावा करइ, अउर अपने हाथन क इ मन्दिर कइँती पराथना मँ फइलावइ तउ 39 मेहरबानी कइके ओकर पराथना सुना। ओकर पराथना क सुना, जब तू अपने निवास स्थान सरग मँ अहा। तब लोगन क छिमा करा अउर ओनकर मदद करा। सिरिफ तू इ जानत अहा कि मनई क हिरदय मँ का बाटइ? एह बरे हर एक क संग ओकर काम अउर उद्देस क अनुसार निआव करा। 40 इ एह बरे करा ताकि तोहार लोग तोहसे डेराइँ अउर तोहार सम्मान उ समइ तलक करइँ जब तलक उ पचे इ भुइँया पइ रहइँ जेहका तू हमरे पुरखन क दिहे रह्या।

41-42 “दूसर जगहन क लोग तोहार महानता अउ तोहरी सक्ती क बारे मँ सुनिहीं। उ पचे बहोत दूर स इ मन्दिर मँ पराथना करइ अइहीं। 43 मेहरबानी कइके आपन निवास स्थान, सरग स ओनकर पराथना सुना। मेहरबानी कइके तू उ सब कछू करा जेका दूसर जगहन क लोग तोहसे माँगत हीं। तब उ सबइ लोग भी इस्राएली लोगन क तरह ही तोहसे डेरइहीं अउर तोहार सम्मान करिहीं। तब सबहिं जगहन क लोगन इ जानिहीं कि मइँ इ मन्दिर क तोहका सम्मान देइ बरे बनाएउँ ह।

44 “कबहुँ-कबहुँ तू अपने लोगन क अपने दुस्मनन क खिलाफ जाइ अउर ओनसे जुद्ध करइ क आदेस देब्या। तब तोहार लोग तोहार चुने भए इ नगर अउर मोर बनाए भए मन्दिर की ओर अभिमुख होइहीं। जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह अउर उ पचे तोहार पराथना करिहीं। 45 उ समइ तू अपने निवास स्थान सरग स ओनकर पराथना क सुना अउर ओनकर मदद करा।

46 “तोहार लोग तोहरे खिलाफ पाप करिहीं। मइँ एका एह बरे जानत हउँ काहेकि हर एक मनई पाप करत ह अउर तू अपने लोगन पइ कोहाब्या। तू ओनके दुस्मनन क ओनका हरावइ देब्या। ओनकर दुस्मन ओनका बंदी बनइहीं। अउर ओनका कउनो बहोत दूर क देस मँ लइ जइहीं। 47 उ दूर क देस मँ तोहार लोग समुझिहीं कि का होइ गवा ह। उ पचे अपने पापन बरे पछतावा करिहीं अउर तोहसे पराथना करिहीं। उ पचे आप क समन्वा पराथना करिहीं अउर कहिहीं, ‘हम पाप अउ अपराध किहा ह।’ 48 उ पचे उ दूर क देस मँ रहिहीं। किन्तु जदि उ पचे इ देस जेका तू ओनके पुरखन क दिहा अउर तोहार चुने नगर अउर इ मन्दिर जेका मइँ तोहरे सम्मान मँ बनाएउँ ह। अउर अगर उ तोहरे पास पूरा हिरदय स लउटत ह, 49 तउ तू मेहरबानी कइके ओकर पराथना अउर माँग क अपने निवास स्थान सरग स सुना अउर ओकरे उद्देस क सहारा द्या। 50 अपने लोगन क सबहिं पापन बरे छिमा कइ द्या अउर तू ओनका तोहार विरोध होइ बरे छिमा करा अउर कइके ओनके दुस्मनन क ओनके बरे दयालु बनावा। 51 याद राखा कि उ पचे तोहरे लोग अहइँ, याद राखा कि तू ओनका मिस्र स बाहेर लिआया। इ वइसा ही रहा जइसा तू बरत भट्ठी स ओनका धइके हींच लिहे ह्वा।

52 “यहोवा परमेस्सर, कृपा कइके मोर पराथना अउ अपने इस्राएली लोगन क पराथना सुना। ओनकर पराथना, जब कबहुँ उ पचे तोहार मदद करइ, सुना। 53 तू ओनका पृथ्वी क सारे मनइयन मँ स अपन खास लोग होइ बरे चुन्या ह। यहोवा तू ओका हमरे बरे करइ क प्रतिग्या किहा ह। तू हमरे पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआवत समइ इ प्रतिग्या अपने सेवक मूसा क माध्यम स किहे रह्या।”

54 सुलैमान परमेस्सर स इ पराथना किहेस। उ वेदी क समन्वा अपने घुटनन क बल रहा। सुलैमान सरग कइँती भुजन उठाइके पराथना किहेस। तब सुलैमान पराथना पूरी किहेस अउर उ उठ खड़ा भवा। 55 तब उ ऊँच आवाज मँ इस्राएल क सबहिं लोगन क आसीर्वाद देइ बरे परमेस्सर स याचना किहस। सुलैमान कहेस:

56 “यहोवा क स्तुति करा। उ प्रतिग्या किहेस, कि उ अपने इस्राएल क लोगन क आराम देइ अउर उ हम क आराम दिहेस। यहोवा अपने सेवक मूसा क उपयोग किहस अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत स नीक प्रतिग्या किहस अउर यहोवा ओन हर एक प्रतिग्यन क पूरा किहेस ह। 57 मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा, हमार परमेस्सर हम लोगन क संग उहइ तरह होइ जइसे उ हमरे पुरखन क संग रहा। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा हम क कबहुँ न तजी। 58 मइँ पराथना करत हउँ कि हम ओकरी कइँती अभिमुख होब अउर ओकर अनुसरण करब। तब हम लोग ओकरे सबहिं नेमन, निर्णयन अउ आदेसन क पालन करब जेनका उ हमरे पुरखन क दिहस। 59 मइँ आसा करत हउँ कि यहोवा हमार परमेस्सर सदा ही इ पराथना क अउर जउने चिजियन क मइँ याचना किहेउँ ह, याद राखी। मइँ पराथना करत हउँ कि यहोवा अपने सेवक राजा अउर अपने लोग इस्राएल क बरे इ सबइ सब कछू करी। मइँ पराथना करत हउँ कि उ हर रोज इ करी। 60 जदि यहोवा एन कामन क करी तउ संसार क सबहिं मनई इ जनिहीं कि मात्र यहोवा ही फुरइ परमेस्सर अहइ। 61 ऐ लोगो, तू पचन्क यहोवा हमरे परमेस्सर क वफ़दार अउर ओकरे बरे सच्चा होइ चाही। तू पचन्क ओकरे सबहिं नेमन अउ आदेसन क हमेसा अनुसरण अउ पालन करइ चाही। जइसा कि अबहुँ करत ह।”

62 तब राजा सुलैमान अउ ओकरे संग क इस्राएल क लोग यहोवा क बलि भेंट किहन। 63 सुमैलान बाईस हजार गोरुअन अउ एक लाख बीस हजार भेड़िन क मारेस। इ सबइ मेलबलि बरे रहिन। इहइ मारग रही जेहसे राजा अउ इस्राएल क लोग यहोवा क मन्दिर क समर्पण किहन।

64 उहइ दिन राजा सुलैमान मन्दिर क समन्वा क आँगन समर्पित किहस। उ पचे होमबलि, अन्नबलि अउ मेलबलि क चर्बी क भेंट चढ़ाएस। उ इ एह बरे किहस कि एन सारी भेंटन क धारण करइ बरे यहोवा क समन्वा क काँसा क वेदी बहोत जियादा नान्ह रही।

65 इ तरह मन्दिर मँ राजा सुलैमान अउ इस्राएल क सारे लोग छुट्टी क पर्व मनाएन। सारा इस्राएल, उत्तर मँ हमात दर्रे स लइके दक्खिन मँ मिस्र क सीमा तलक हुवाँ मोजूद रहा। हुवाँ असंख्य लोग मोजूद रहेन। उ पचे सात दिना तलक यहोवा क संग मिलिके उत्सव मनाएन। तब उ पचे अगले सात दिनन तलक हुवाँ ठहरेन। उ पचे सब मिलिके चौदह दिनन तलक उत्सव मनाएन। 66 अगले दिन सुलैमान लोगन स घरे जाइ क कहेस। सबहिं लोग राजा क धन्यवाद दिहन, बिदा लिहन अउर उ पचे घरे चले गएन। उ पचे खुस रहेन काहेकि यहोवा अपने सेवक दाऊद क बरे अउर इस्राएल क लोगन क बरे बहोत सारी नीक चिजियन किहे रहेन।