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थिस्‍सलुनीके सहर म पौलुस के सेवा

हे भाईमन हो, तुमन जानत हव कि हमन के तुम्‍हर करा अवई ह बेकार नइं होईस। तुमन खुदे जानत हव कि हमन पहिली फिलिप्‍पी म दुःख भोगे रहेंन अऊ हमर बेजत्ती करे गे रिहिस, फेर भारी बिरोध के बावजूद, परमेसर के मदद ले हमन तुमन ला ओकर सुघर संदेस सुनाय के हिम्मत करेन। काबरकि जऊन अपील हमन तुम्‍हर ले करथन, ओह न तो गलती ले या गलत उदेस्य ले अय, अऊ न ही हमन तुमन ला छले के कोसिस करथन। एकर बदले, हमन जइसने परमेसर चाहथे, वइसने गोठियाथन, काबरकि ओह हमन ला ठहिराय हवय अऊ हमन ला सुघर संदेस सऊंपे हवय, कि हमन एला आने मन ला बतावन। हमन मनखेमन ला नइं, पर परमेसर ला खुस करे के कोसिस करथन, जऊन ह हमर हिरदय ला जांचथे। तुमन तो जानथव कि हमन कभू चापलूसी नइं करेन, अऊ न ही हमन लालच खातिर बहाना करेन – परमेसर ह एकर बारे म हमर गवाह हवय। हमन मनखेमन ले परसंसा नइं चाहेन, न तुम्‍हर ले या अऊ कोनो दूसर ले।

मसीह के प्रेरित के रूप म, हमन तुम्‍हर ले अपन हक के मांग कर सकत रहेंन, पर जब हमन तुम्‍हर संग रहेंन, त नम्र बनके रहेंन, जइसने एक दाई ह अपन छोटे लइकामन के देख-रेख करथे। हमन तुमन ला अतेक मया करेन कि हमन खुसी ले तुमन ला सिरिप परमेसर के सुघर संदेस ही नइं सुनायेन, पर हमन अपन जिनगी घलो तुम्‍हर संग बांटेन। काबरकि तुमन हमर बहुंत मयारू हो गे रहेव। हे भाईमन हो, तुमन हमर मिहनत अऊ तकलीफ ला जरूर सुरता करथव; जब हमन परमेसर के सुघर संदेस के परचार तुमन ला करत रहेंन, त हमन रात अऊ दिन काम करेन, ताकि हमन काकरो ऊपर बोझा झन होवन।

10 तुमन हमर गवाह अव अऊ परमेसर घलो गवाह हवय कि हमर चाल-चलन ह तुम बिसवासीमन के संग कतेक पबितर, धरमी अऊ निरदोस रिहिस। 11 तुमन जानत हव कि हमन तुमन ले हर एक के संग अइसने बरताव करेन, जइसने एक ददा ह अपन खुद के लइकामन संग करथे। 12 हमन तुमन ला उत्साहित करेन, ढाढ़स बंधायेन अऊ तुमन ले बिनती करेन, ताकि तुमन ओ परमेसर ला भाय के लइक जिनगी जीयव, जऊन ह तुमन ला अपन राज म ओकर महिमा के भागी होय बर बलाथे।

13 अऊ हमन घलो परमेसर ला हमेसा धनबाद देथन कि जब तुमन परमेसर के बचन ला पायेव, जऊन ला कि तुमन हमर ले सुनेव, त तुमन एला मनखे के बचन सहीं नइं, पर परमेसर के बचन (एह सही म अइसनेच अय) जानके गरहन करेव, अऊ ए बचन ह तुमन म जऊन मन बिसवास करथव, काम करत हवय। 14 काबरकि हे भाईमन हो, तुमन के चाल-चलन परमेसर के ओ कलीसियामन सहीं हो गीस, जऊन मन यहूदिया प्रदेस म मसीह यीसू म हवंय। तुमन अपन खुद के मनखेमन ले वइसनेच दुःख पायेव, जइसने ओ कलीसियामन यहूदीमन ले पाय रिहिन। 15 ए यहूदीमन परभू यीसू अऊ अगमजानीमन ला मार डारिन अऊ हमन ला घलो सताईन। ओमन परमेसर ला नराज करथें, अऊ जम्मो मनखेमन के बिरोध करथें। 16 इहां तक कि ओमन हमन ला रोके के कोसिस करिन कि हमन आनजातमन ला सुघर संदेस के परचार झन कर सकन, जेकर दुवारा कि ओमन ला उद्धार मिलही। ए किसम ले ओमन हमेसा अपन पाप के घघरी ला भरत रहिथें। फेर आखिर म, परमेसर के परकोप ह ओमन ऊपर आ गे हवय।

पौलुस ह थिस्सलुनीकीमन ले मिले के ईछा करथे

17 पर हे भाईमन हो, जब हमन तुम्‍हर ले कुछू समय बर अलग हो गे रहेंन, हिरदय ले नइं, पर सरीर म; त हमर ईछा के कारन, हमन तुम्‍हर ले मिले के बहुंते कोसिस करेन। 18 हमन तुम्‍हर करा आय बर चाहत रहेंन – में पौलुस ह बार-बार कोसिस करेंव, पर सैतान ह हमन ला हर एक बार रोकिस। 19 हमर आसा, हमर आनंद या हमर घमंड के मुकुट का ए, कि जब हमर परभू यीसू आवय, त ओकर आघू म घमंड करन? का एह तुमन नो हव? 20 सही म, हमर महिमा अऊ आनंद तो तुमन अव।