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आपन बिनास पइ यरूसलेम क विलाप

यरूसलेम क अकेल्ला काहे छोड़ दीन्ह ग ह,
    इ नगर जउन कि एक समइ लोगन क भीड़ स भरी पड़ा रहेन?
एक समइ उ रहा जब देसन क बीच यरूसलेम महान नगरी रही।
    किन्तु आजु उहइ अइसी होइ गइ अहइ जइसी कउनो राँड़ होत ह।
उ समइ रहा जब देसन क बीच उ एक ठु राजकुमारी स देखात रहे।
    किन्तु आजु उहइ नगरी दास बनाइ दिन्ह ग अहइ।
राति मँ उ बुरी तरह रोवत ह
    अउर ओकर आँसू गालन पइ टिके भए अहाइँ।
    किन्तु ओकर कउनो भी प्रेमी
ओका दिलासा नाहीं देत ह।
    ओकर सबहि मीतन
ओका दागा दिहस ह।
    ओकर मीत ओकर दुस्मन बन गएन।
बहोत कस्ट सहइ क पाछे
    यहूदा बँधुआ बन गइ।
यहूदा दूसर देसन क बीच रहत ह,
    किन्तु उ आराम नहीं पाएस ह।
जउन लोग ओकरे पाछे पड़ा रहेन, उ पचे ओका धइ लिहन।
    उ पचे ओका सँकरी घाटियन क बीच मँ पकड़ लिहन।
सिय्योन क राहन बहोत दुःख स भरी अहइँ।
    उ पचे बहोत दुःखी अहउँ काहेकि अब उत्सव क दिनन क बरे कउनो भी मनई सिय्योन पइ नाहीं जात ह।
सिय्योन क सारे दुआर नस्ट कइ दीन्ह गएन ह।
    सिय्योन क सबइ याजक कराहत हीं।
सिय्योन क चारिहूँ कइँती क गाँव खाली अहइँ।
    सबहिं लोगन क बंदी बना लीन्ह गएन ह।
    सिय्योन गहिर दुःख मँ अहइ।
यरूसलेम क दुस्मन विजयी अहइँ।
    ओकर दुस्मन सफल होइ गवा अहइँ,
काहेकि यहोवा,
    ओका ओकर बहोत सारी
पापन बरे दण्ड दिहस।
    दुस्मन ओकर सन्तान क बंदी बना लीन्ह ह।
सिय्योन क बिटिया क खुबसूरती जात अहइ।
    ओकर सबइ राजकन्या हरिनी सी भइन जेनके लगे चरह क चरागाह नाहीं होत।
    उ पचे बेसहारा होइके ओहेसा पराइ गएन जउन ओनकर पाछा किहे रहेन।
यरूसलेम बीती बात सोचा करत ह,
ओन दिनन क बातन जब ओह पइ प्रहार भावा रहा
    अउर उ बेघर-बार भइ रहो।
ओका बीते दिनन क सुख याद आवत रही।
    उ पचे पुराने दिनन मँ जउन नीक चिजियन ओकरे लगे रहिन, ओका याद आवत रहिन।
उ अइसे उ समइ क सुमिरत ह जब ओकर लोग दुस्मनन क जरिये बंदी कीन्ह गएन।
    उ अइसे उ समइ क याद करत ह जब ओका सहारा देइ क कउनो भी मनई नाहीं रहा।
जब दुस्मन ओका लखत रहेन, उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन।
    उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन काहेकि उ उजर चुकी रही।
यरूसलेम भयंकर पाप किहे रहा।
    आपन पाप क कारण
    ओका तबाह कीन्ह गएन ह।
ओन पइ लोग आपन मूँड़ हिलाइके मजाक उड़ावत रहेन
    काहेकि उ पचे ओकर
    नंगापन क लख लिहस रहेन।
यरूसलेम कराहत ह
    अउर आपन मुँहना लाज स फेरि लेत ह।
यरूसलेम क वस्त्र गन्दा रहेन।
    उ नाहीं सोचे रहा कि ओकरे संग का कछू घटी।
ओकर पतन अजूबा रहा,
    ओकरे लगे कउनो नाहीं रहा जउन ओका सान्ति देत।
उ कहा करत ह “हे यहोवा, लखा मइँ केतना दुःखी अहउँ।
    लखा मोर दुस्मन कइसा सोचत अहइ कि उ केतना महान अहइ।”

10 दुस्मन हाथ बढ़ाएस अउर ओकर सब उत्तिम वस्तु लूट लिहस।
    वास्तव मँ, उ पराये देस क अपने पवित्र ठउरे मँ घुसत भए लखेस।
हे यहोवा, इ हुकुम तू ही दिहे रहया कि
    उ सबइ लोग तोहरी सभा मँ प्रवेस नाहीं करिहीं।
11 यरूसलेम क सबहिं लोग कराहत अहइँ, ओकर सबहिं लोग खइया क खोज मँ अहइँ।
    उ सबइ खइया जुटावइ क आपन कीमती चिजियन बेंचत अहइँ।
    उ पचे अइसा करत हीं ताकि ओनकर जिन्नगी बनी रहइ।
यरूसलेम कहत ह, “लखा यहोवा, तू मोका लखा।
    लखा, लोग मोका कइसे घिना करत हीं।
12 मारग स होत भए जब तू सबहिं लोग मोरे लगे स गुजरत अहा तउ अइसा लगत ह जइसे धियान नाहीं देत अहा।
    किन्तु मोह पइ निगाह डावा अउर जरा लखा,
का कउनो अइसी पीरा अहइ जइसी पीरा मोका अहइ?
    का अइसा कउनो दुःख अहइ जइसा दुःख मोह पइ परा अहइ?
का अइसा कउनो कस्ट अहइ जइसा कस्ट क दण्ड
    यहोवा आपन भयंकर किरोध क दिन पइ मोका दिहस ह।
13 यहोवा ऊपर स आगी क पठएस ह
    अउर उ आगी मोरी हाड़न क छेद दिहस।
उ मोरे गोड़न क बरे एक फंदा फेंकेस
    अउर उ मोका पाछे ढकेल इदहस ह।
उ मोका वीरान कइ डाएस ह
    अउर मइँ बीमार रहत हउँ।

14 “मोर पाप मोह पइ जुए क नाई कसा गएन।
    यहोवा क हाथन क जरिये मोर पाप मोह पइ कसे गएन।
यहोवा क जुआ मोरे कँधन पइ अहइ।
    यहोवा मोका दुर्बल बनाइ दिहस ह।
यहोवा मोका ओन लोगन क सौंपेस जउन ओतना जियादा सक्तीसाली अहइ कि
    मइँ ओकरे संग लराइ नाहीं कइ सकत।
15 मोर सबहिं वीर जोधा क नगर क भीतर ठहिरइ क रहेन
    काहेकि यहोवा ओनका मदद नाहीं किहस किन्तु नकार दिहेस।
यहोवा मोरे विरोध मँ फुन एक भीड़ पठएस,
    उ मोर युवा फउजी क मरवावइ ओन लोगन क लिआए रहा।
यहोवा यरूसलेम क नोकरानियन क वइसे ही कुचर दिहस
    जइसे लोग अंगूर कोल्हू मँ कुचरत ह।

16 “एन सबहिं बातन क लइके मइँ चिल्लाएउँ।
    मोर नैन जल मँ बूड़ि गएन।
मोरे लगे कउनो नाहीं मोका चैन देइ।
    मोरे लगे कउनो नाहीं जउन मोका तनिक सान्ति देइ।
मोर संतानन अइसी बनिहीं जइसे उजाड़ होत ह।
    उ पचे अइसे भवा कि दुस्मन जीत गवा रहा।”

17 सिय्योन मदद बरे आपन हाथ पसारे अहइ।
    कउनो अइसा मनई नाहीं रहा जउन ओका ढाढ़स देत।
यहोवा याकूब क दुस्मनन क ओका घेर लेइ क आग्या दिहे रहा।
    यहोवा यरूसलेम असुद्ध मेहरारु क नाईं होइ गइ रहीं।

18 यरूसलेम कहा करत ह, “मइँ यहोवा क खिलाफ बिद्रोह किहस हउँ
    यह बरे उ जउन बात मोहे बरे करत ह उ उत्तिम बाटइ।
तउ, हे सबहिं लोगो, सुना।
    तू मोर कस्ट लखा।
मोर जवान मेहरारू अउर मनसेधू
    बन्दी बनाइ लइ गवा अहइँ।
19 मइँ आपन पिरेमियन क गोहराएउँ।
    किन्तु उ पचे मोका धोका दिहस।
नगर क याजक अउर बुजुर्ग
    मर गएन काहेकि उ पचे
खइया खोजेस किन्तु
    कछु नाहीं पाएन।

20 “हे यहोवा, मोका लखा।
    मइँ दुःखे मँ पड़ी अहउँ।
मोर अन्तरंग बेचैन अहइ।
    मोर हिरदइ दुःखे मँ अहइ
काहेकि मइँ बिद्रोह किहा रहिउँ।
    गलियन मँ मोरे गदेलन क तरवार काट डाए अहइ।
घरन क भितरे मउत क बास रहा।

21 “मोर सुना, काहेकि मइँ कराहत हउँ।
    मोरे लगे कउनो नाहीं अहइ जउन मोक ढाढ़रस देइ,
मोर सब दुस्मनन मोरे दुःखन क बात सुनि लिहेन ह।
    उ पचे बहोत खुस अहइँ
काहेकि तू मोरे संग अइसा सलूक किहस।
    अब उ दिन क लइ आवा जेकर तू घोसणा किहे रह्या।
उ दिन तू मोरे दुस्मनन क वइसा ही बनाइ द्या
    जइसी मइँ अब ही अहउँ।

22 “मोरे दुस्मनन क बुरा करम क आपन समन्वा आवइ द्या।
    फिन ओनके संग तू वइसा ही करब्या
    जइसा मोरे अपराध क बदले मँ तू मोरे संग किहा।
अइसा करा काहेकि बार बार कराहत रहेउँ।
    अइसा करा काहेकि मोर हिरदइ निरास अहइ।”