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बपतिस्मा देने वाले योहन का उपदेश

(मत्ति 3:1-12; मारक 1:1-8)

सम्राट कयसर तिबेरियॉस के शासनकाल के पन्द्रहवें वर्ष में जब पोन्तियॉस पिलातॉस यहूदिया प्रदेश का, हेरोदेस गलील प्रदेश का, उसका भाई फ़िलिप्पॉस इतूरिया और त्रख़ोनीतिस प्रदेश का तथा लिसनियस एबिलीन का राज्यपाल था तथा जब हन्ना और कायाफ़स महायाजक पद पर थे; ज़कर्याह के पुत्र योहन को, जब वह जंगल में थे, परमेश्वर की ओर से एक सन्देश प्राप्त हुआ. इसलिए योहन यरदन नदी के आस-पास के सभी क्षेत्र में भ्रमण करते हुए पाप-क्षमा के लिए पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार करने लगे; जैसी बपतिस्मा देने वाले योहन के विषय में भविष्यद्वक्ता यशायाह की भविष्यवाणी है:

जंगल में पुकारती हुई आवाज़
प्रभु के लिए मार्ग तैयार करो.
    उनके लिए रास्ते सीधे बनाओ.
हर एक घाटी भर दी जाएगी,
    हर एक पर्वत और पहाड़ी समतल की जाएगी.
    टेढ़े रास्ते सीधे हो जाएँगे तथा असमतल पथ समतल.
हर एक मनुष्य के सामने परमेश्वर का उद्धार स्पष्ट हो जाएगा.

बपतिस्मा लेने के उद्देश्य से अपने पास आई भीड़ को सम्बोधित करते हुए योहन कहते थे, “अरे ओ विषैले सर्पों की सन्तान! तुम्हें आनेवाले महाक्रोध से बच कर लौटने की चेतावनी किसने दे दी? सच्चे मन फिराने का प्रमाण दो और इस भ्रम में स्वयं को धोखा न दो: ‘हम तो अब्राहाम की सन्तान हैं!’ क्योंकि यह समझ लो कि परमेश्वर में इन पत्थरों तक से अब्राहाम की सन्तान उत्पन्न करने का सामर्थ्य है. पहले ही वृक्षों की जड़ पर कुल्हाड़ी रखी हुई है. हर एक ऐसा पेड़, जिसका फल अच्छा नहीं है, काटा और आग में झोंक दिया जाता है.”

10 इस पर भीड़ ने उनसे प्रश्न किया, “तब हम क्या करें?”

11 योहन ने उन्हें उत्तर दिया, “जिस व्यक्ति के पास दो कुर्ते हैं, वह एक उसे दे दे, जिसके पास एक भी नहीं है. जिसके पास भोजन है, वह भी यही करे.”

12 चुँगी लेने वाले भी बपतिस्मा के लिए उनके पास आए और उन्होंने योहन से प्रश्न किया, “गुरुवर! हमारे लिए उचित क्या है?”

13 “निर्धारित राशि से अधिक मत लो.” योहन ने उत्तर दिया. 14 कुछ सिपाहियों ने उनसे प्रश्न किया, “हमें बताइए—हम क्या करें?”

योहन ने उत्तर दिया, “न तो डरा-धमका कर लोगों से पैसा ऐंठो और न ही उन पर झूठा आरोप लगाओ परन्तु अपने वेतन में ही सन्तुष्ट रहो.”

15 बड़ी जिज्ञासा के भाव में भीड़ यह जानने का प्रयास कर रही थी और अपने-अपने हृदय में यही विचार कर रहे था कि कहीं योहन ही तो मसीह नहीं हैं. 16 भीड़ को सम्बोधित करते हुए योहन ने स्पष्ट किया, “मेरा बपतिस्मा तो मात्र जल-बपतिस्मा है किन्तु एक मुझसे अधिक शक्तिमान आ रहे हैं. मैं तो उनकी जूतियों के बन्ध खोलने योग्य भी नहीं. वही हैं, जो तुम्हें पवित्रात्मा और आग में बपतिस्मा देंगे. 17 वह गेहूं को निरुपयोगी भूसी और डण्ठल से अलग करते हैं. वह गेहूं को खलिहान में इकट्ठा करेंगे तथा भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में स्वाहा कर देंगे.” 18 योहन अनेक प्रकार से शिक्षा देते हुए लोगों में सुसमाचार का प्रचार करते रहे.

19 जब योहन ने राज्यपाल हेरोदेस को उसके भाई की पत्नी हेरोदिअस के विषय में तथा स्वयं उसी के द्वारा किए गए अन्य कुकर्मों के कारण फटकार लगाई, 20 तब हेरोदेस ने एक और कुकर्म किया: उसने योहन ही को बन्दी बना कर कारागार में डाल दिया.

मसीह येशु का बपतिस्मा

(मत्ति 3:13-17; मारक 1:9-11)

21 जब लोग योहन से बपतिस्मा ले रहे थे, उन्होंने मसीह येशु को भी बपतिस्मा दिया. इस अवसर पर, जब मसीह येशु प्रार्थना कर रहे थे, स्वर्ग खोल दिया गया 22 और पवित्रात्मा मसीह येशु पर शारीरिक रूप में कबूतर के समान उतरे और स्वर्ग से निकला एक शब्द सुना गया: “तुम मेरे पुत्र हो—मेरे प्रिय. मैं तुममें पूरी तरह संतुष्ट हूँ.”

मसीह येशु की वंशावली

(मत्ति 1:1-17)

23 मसीह येशु ने जब अपनी सेवकाई प्रारम्भ की तब उनकी अवस्था लगभग तीस वर्ष की थी. जैसा समझा जाता है कि वह योसेफ़ के पुत्र हैं,

योसेफ़ हेली के, हेली मत्ताथा के

24 मत्ताथा लेवी के, लेवी मेल्ख़ी के,

मेल्ख़ी यन्नाई के, यन्नाई योसेफ़ के,

योसेफ़ मत्ताथियाह के,

25 मत्ताथियाह आमोस के, आमोस नहूम के,

नहूम ऍस्ली के, ऍस्ली नग्गाई के,

26 नग्गाई माहथ के, माहथ मत्ताथियाह के,

मत्ताथियाह सेमेई के, सेमेई योसेख़ के,

योसेख़ योदा के, 27 योदा योअनान के,

योअनान रेसा के, रेसा ज़ेरुब्बाबिल के,

ज़ेरुब्बाबिल सलाथिएल के, सलाथिएल नेरी के,

28 नेरी मेल्ख़ी के, मेल्ख़ी अद्दी के,

अद्दी कोसम के, कोसम एल्मोदम के,

एल्मोदम एर के, 29 एर योसेस के,

योसेस एलिएज़र के, एलिएज़र योरीम के,

योरीम मथ्थात के, मथ्थात लेवी के,

30 लेवी शमौन के, शमौन यहूदाह के,

यहूदाह योसेफ़ के, योसेफ़ योनन के,

योनन एलिआकिम के 31 एलिआकिम मेलिया के,

मेलिया महीनन के, महीनन मत्ताथा के,

मत्ताथा नाथान के, 32 नाथान दाविद के,

दाविद यिश्शै के, यिश्शै ओबेद के,

ओबेद बोअज़ के, बोअज़ सलमोन के,

सलमोन नाहश्शोन के, नाहश्शोन अम्मीनादाब के,

33 अम्मीनादाब आदमीन के, आदमीन आरनी के,

आरनी हेस्रोन के, हेस्रोन फ़ारेस के,

फ़ारेस यहूदाह के, 34 यहूदाह याक़ोब के,

याक़ोब इसहाक के, इसहाक अब्राहाम के,

अब्राहाम थेराह के, थेराह नाख़ोर के,

35 नाख़ोर सेरूख़ के, सेरूख़ रागाउ के,

रागाउ फ़ालेक के, फ़ालेक ईबर के,

ईबर शेलाह के, 36 शेलाह केनन के,

केनन अरफ़ाक्षाद के, अरफ़ाक्षाद शेम के,

शेम नोहा के, नोहा लामेख़ के,

37 लामेख़ मेथुसेलाह के, मेथुसेलाह हनोक,

हनोक यारेत के, यारेत मालेलेईल के,

मालेलेईल काईनम के, 38 काईनम ईनॉश के,

ईनॉश सेथ के, सेथ आदम के और

आदम परमेश्वर के पुत्र थे.