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‘यदूतून’ राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

मोर प्राण सान्ति स बाट जोहत अहइ
    कि परमेस्सर मोर रच्छा करी।
परमेस्सर मोर किला अहइ, परमेस्सर मोका बचावत ह।
    ऊँच पहाड़ पइ, परमेस्सर मोर सुरच्छित ठउर अहइ।
    मोका बड़की फउजियन भी हराइ नाहीं सकतिन।

तू मोह पइ कब तलक वार करत रहब्या?
    मइँ एक ठु निहुरी देवार क नाईं होइ गवा हउँ,
अउर एक बाड़ा जइसा
    जउन भहराइ वाला अहइ।
उ सबइ लोग मोरे नास क कुचक्र रचत अहइँ।
    मोरे बारे मँ उ सबइ झूठी बातन बनावत अहइँ।
लोगन क बीच मँ,
    उ पचे मोर बड़कई करतेन,
    मुला उ पचे मोका लुकान-छिपान कोसत हीं।

मोर प्राण सान्ति स परमेस्सर क बाट जोहत अहा
    काहेकि सिरिफ उ ही मोर उद्धार क आसा अहइ।
परमेस्सर मोर गढ़ अहइ, परमेस्सर मोका बचावत ह।
    ऊँच पर्वत मँ परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
महिमा अउ विजय, मोका परमेस्सर स मिलत ह।
    उ मोर सुदृढ़ गढ़ अहइ, परमेस्सर मोर सुरच्छा स्थल अहइ।
लोगो, परमेस्सर पइ हर घड़ी भरोसा राखा।
    आपन सबइ समस्या परमेस्सर स कहा।
    परमेस्सर हमार सुरच्छा स्थल अहइ।

फुरइ लोग कउनो मदद नाहीं कइ सकतेन।
    फुरइ तू ओनके भरोसे मदद पावइ क नाहीं रहि सकत्या।
परमेस्सर क तुलना मँ
    उ पचे हवा क झोंका क नाईं अहइँ।
10 तू बल पइ भरोसा जिन रक्खा कि तू सक्ति क संग चिजियन क छोर लेब्या।
    जिन सोचा तू पचन्क चोरी करइ स कउनो लाभ होइ।
अउर अगर धनवान भी होइ जाइ
    तउ कबहुँ दौलत पइ भरोसा जिन करा कि उ तू पचन्क बचाई लेइ।
11 एक ठु बात अइसी अहइ जउन परमेस्सर कहत ह जेकरे भरोसे तू फुरइ रहि सकत अहा:
    “सक्ती परमेस्सर स आवत ह!”

12 मोरे सुआमी, तोहार पिरेम सच्चा अहइ।
    तू कउनो जन क ओकरे ओन कामन क प्रतिफल या सजा देत ह, जेनका उ करत ह।