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पवित्तर आतिमा क अवाई

जब पिन्तेकुस्त क दिन आवा तउ उ पचे एक ठउर प बटुरा रहेन। तब्बइ हुवाँ एकाएक आकासे स खउफनाक आँधी क सब्द आवा। अउर जउन घरे मँ उ पचे बइठा रहेन, ओहमाँ समाइ गवा। अउर आगी क उठत लपट जइसी जीभ हुँवा समन्वा देखॉइ देइ लाग। अउर ओनका आगी क उठत लपट जइसी जिभिया देखॉइ लागिन। उ सबइ बँटी भइ जीभ एक क ऊपर आइ ठहरिन। उ पचे पवित्तर आतिमा स भावित भएन। अउर आतिमा स दीन्ह गए सामर्थ क अनुसार उ सबइ दूसर भाखन मँ बोलइ लागेन।

हुवाँ यरूसलेम मँ अकास क तरे सबहिं देसन स आवा भएन यहूदी भगत रहत रहेन। जबहिं इ सब्द क आवाज सुनि गई तैसहिं एक भीड़ बटुर गइ। उ पचे अचरज मँ पड़ा रहेन काहेकि हर कउनो ओनका आपन भाखा मँ बोलत सुनेस।

उ पचे अचम्भा मँ घबड़ियाइके बोलेन, “इ सबइ बोलवइया मनइयन गलीली नाहीं अहइँ। फिन हम पचन मँ स हर कउनो ओनका आपन मातृभाखा मँ बोलत भवा कइसे सनत अहइ? हुवाँ पारथी, मोदी अउर एलामी, मोसोपोटामिया क बसइया, यहूदिया अउर कप्पूदूकिया, पुन्तुस अउर एसिया। 10 फ्रूगिया अउर पंफलिया, मिस्त्र अउर कूरेने सहर क निअरे लिबिया क कछू पहँटा क मनइयन, रोम स आवा भएन सैलानी, 11 जेहमाँ जन्मा भवा यहूदी अउर यहूदी धरम क मनइयन, क्रेती अउर अरबी लोग हम सबइ परमेस्सर क अचरज कारजन क आपन आपन भाखा मँ सुनत अहइँ।”

12 उ पचे सबइ अचम्भा मँ पड़िके भउचक्का होइके आपुस मँ पूछइ लागेन, “इ का होत अहइ?” 13 मुला दूसर मनइयन प्रेरितन क मसखरी करत भए बोलेन, “इ सबइ कछू जिआदा दाखरस पिए बाटेन।”

पतरस क गोहराउब

14 फिन गियारह प्रेरितन क संग पतरस खड़ा भवा अउर ऊँची अवाज मँ मनइयन क गोहराइ क कहइ लाग, “यहूदी भाइयो अउर यरुसलेम क सबहिं बासिंदा, ऍकर अरथ मोका बतावइ द्या। मोरे बचन क धियान स सुना। 15 इ पचे पिए नाहीं अहइँ, जइसा की तू पचे बूझत अहा। काहेकि अबहिं तउ भिन्सारे क नौ बजा अहइ। 16 मुला इ बात अहइ जेकरे बारे मँ योएल नबी कहे रहा:

17 ‘परमेस्सर कहत ह: आखिरी दिना मँ अइसा होइ कि
    मइँ सबहिं मनइयन प अपने आतिमा उड़ेल देब
फिन तोहार पूत अउर बिटिया भविस्सबाणी करइ लगिहीं।
    अउर तोहार जवान मनई दर्सन पइहीं
    अउर तोहार बुढ़वा लोग सपना देखिहीं।
18 हाँ उ दिना मइँ आपन नउकर अउर नउकरानी प
    आपन आतिमा उडेर देब
    अउर उ पचे भविस्सबाणी करिहीं।
19 मइँ ऊपर अकासे मँ अचरज कारजन
    अउर तरखाले भुइयाँ प चीन्हा देखाउब,
    खून, आगी अउर धुआँ क बादर।
20 सूरज अँधियारा मँ
    अउर चाँद रकत मँ बदल जाइ,
    अउर जब पर्भू क दिव्य अउर महान दिन आइ।
21 अउर तब हर उ कउनो क बचाव होइ जउन पर्भू क नाउँ पुकारी।’ (A)

22 “ओ इस्राएलियो! इ बचन क सुना: नासरी ईसू एक ठू अइसा मनई रहा जेका परमेस्सर तोहरे समन्वा अद्भुत कारज, अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन क साथ जेका परमेस्सर आपन खुद किहे रहा तोहरे बीच ओका परगट किहेस। जइसा कि तू खुद जानत ह। 23 ई मनई तोहका कउनो तय कीन्ह भइ जोजना अउर पहिले क गियान क अनुसार तोहरे हवाले कीन्ह गवा रहा अउर तू पचे ओका अधर्मियन क हाथे पकड़वाइके क्रूस प चढ़वाया अउर खीला ठोंकवाइके मरवाइ दिहा। 24 मुला परमेस्सर मउत क दुःखे स अजाद कराइके फिन जिआइ दिहेस। काहेकि ओकरे बरे इ होइवाला नाहीं रहा कि मउत ओका राखि पावत। 25 जइसा कि दाऊद ओकरे बारे मँ कहेस ह:

‘मइँ हमेसा पर्भू क आपन समन्वा देखेउँ ह।
    उ मोरे दाहिन कइँती बिराजत अहइ, काहेकि मइँ डुग न पावउँ।
26 ऍहसे मोर हिरदय खुस अहइ
    अउर मोर बाणी आनन्द मँ बा;
    मोर देह भी आसा मँ जिई।
27 तू मोर आतिमा क अधोलोक मँ न छोड़ब्या।
    तू आपन पवित्तर जन क नास क अनुभव न होइ देब्या।
28 तू ही मोरी जिन्नगी क राह क गियान कराइ दिहा ह।
    अउर तू ही आपन हाजिरी स मोका आनन्द स पूरा कइ देब्या।’ (B)

29 “मोरे भाइयन, मइँ पतिआइके आदि मनई दाऊद क बारे मँ तू पचन्स कहि सकत हउँ कि ओकर मउत होइ गइ अउर ओका माटी दइ दीन्ह गइ। अउर ओकर कब्र हमरे हियाँ आजु तलक मौजूद बा। 30 मूला काहेकि उ एक नबी रहा अउर जानत रहा परमेस्सर सपथ खाइके ओका बचन दिहेस ह कि उ ओकरे वंस मँ स कउनो एक क सिंहासने प बइठाई। 31 यह बरे अगवा जउन होइ क बाटइ, ओका दाऊद लखत भए उ सब इ कहे रहा कि:

‘ओका अधोलोक मँ नाहीं छोरा गवा
    अउर न ही ओकरे देह स सड़ब गलब क अंजाद लगाएस।’

तउ उ मसीह क पुनरूत्थान क बारे मँ ही कहे रहा। 32 इहइ ईसू क परमेस्सर पुनरूत्थान कइ दिहेस। इ सच्चाई क हम पचे साच्छी अही। 33 परमेस्सर क दाहिन हाथे कइँती सबन ते उँचका ओहदा पाइके ईसू पिता स सपथ क अनुसार पवित्तर आतिमा पाएस अउर फिन उ इ आतिमा क उड़ेरेस जेका अब तू लखत बाट्या अउर सुनत बाट्या। 34 दाऊद सरगे मँ नाहीं गवा तउ उ खुद कहत ह:

‘पर्भू (परमेस्सर) मोर पर्भू स कहेस:
मोरे दाहिने बइठा, जब ताई मइँ
35     तोहरे बैरिन क तोहरे गोड़वा तरे गोड़ धरइ क चउकी न बनइ देइ।’(C)

36 “यह बरे इस्त्राएल क समूचइ मनइयन ठीक तरह स समुझ लेइ कि परमेस्सर इ ईसू क जेका तू पचे क्रूस प चढ़ाइ दिहे रहा, पर्भू अउर मसीह दुइनउँ ठहरावा ग रहेन!”

37 मनइयन जब इ सुनेन तउ उ पचे घबराइ गएन अउर पतरस अउर दूसर प्रेरितन स कहेन, “तउ भाई, हम सबन क का करइ चाही?”

38 पतरस ओनसे कहेस, “मनफिराओ अउर आपन पापे क छमा पावइ बरे तू पचन मँ स हर एक क ईसू मसीह क नाउँ स बपतिस्मा लेइ चाही। फिन तू पवित्तर आतिमा क उपहार मँ पउब्या। 39 काहेकि इ सपथ तोहरे बरे, तोहरे संतान बरे अउर ओन सब कामे बरे अहइ जउन बहोत दूर बाटेन। इ सपथ ओन सब बरे अहइ जेनका हमार पर्भू परमेस्सर आपन लगे बोलावत ह।”

40 अउर बहोत स बचन स उ ओनका चिताउनी दिहेस अउर समझाय के ओनसे कहेस, “इ कुमार्गी पीढ़ी स आपन खुद क बचावा!” 41 तउ जउन ओकरे संदेसा क अंगीकार किहेन, ओनका बपतिस्मा दीन्ह गवा। इ तरह उ दिना उ बिसवासियन क झुण्ड मँ कउनो तीनजहार मनई अउर जुड़ गएन।

बिसवासी क मिली जुली जिन्नगी

42 उ पचे प्रेरितन क उपदेस, संगत, रोटी क तोड़इ अउर पराथना करइ मँ जिअरा लगाइ दिहन। 43 हर मनई प भय रहा अउर प्रेरितन क जरिये बहुत अचरज कारजन अउर अद्भुत चीन्हन परगट कीन्ह जात रहेन। 44 सबहिं बिसवासी एक संग बटुरत रहेन अउर ओनके लगे जउन कछू रहा, उ पचे आपुस मँ बाँट लेत रहेन। 45 उ पचे आपन सबहिं चीजन अउर धन-दौलत बेंचेन अउर ओन सब चिजन्क आपुस मँ बाँटि लिहन, जइसे जेका जरूरत रही। 46 अउर उ पचे हर दिन मन्दिर मँ एक उदेस्स स मिलि जात रहेन। उ पचे घरे मँ रोटी तोड़ लेतेन अउर आनन्द अउर निर्मल मन स खात रहेन। 47 उ पचे सब मनइयन क नीक बिचार क आनन्द लेत भए पर्भू क स्तुति गवात रहेन। अउर हर दिन परमेस्सर, जेनकइ उद्धार करत, ओनकइ दल मँ अउर जोरि दीन्ह जात।