अय्यूब 35
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
35 एलीहू कहत चला गवा। उ बोल।
2 “मइँ अय्यूब, इ तोहरे बरे कहब उचित नाहीं कि
‘मइँ अय्यूब, परमेस्सर क खिलाफ निआउ पइ हउँ।’
3 अय्यूब, तू परमेस्सर स पूछत अहा,
‘मनई परमेस्सर क खुस कइके का पाई?
अगर मइँ पाप न करउँ तउ मोका का फायदा होइ?’
4 “अय्यूब, मइँ तोहका अउ तोहरे मीतन क जउन हिआँ तोहरे संग अहइँ जवाब देइ चाहत हउँ।
5 अय्यूब! ऊपर लख अकासे मँ निगाह उठाइके
कि बादर तोहसे जियादा ऊँचा अहइँ।
6 अय्यूब, अगर तू पाप करा तउ परमेस्सर क कछू नाहीं बिगड़त,
अउर अगर तोहार पाप बहोत होइ जाइँ तउ ओहसे परमेस्सर क कछू नाहीं बिगड़त।
7 अय्यूब, अगर तू भला अहा तउ एहसे परमेस्सर क भला नाहीं होत,
तोहसे परमेस्सर क कछु नाहीं मिलत।
8 अय्यूब, तोहार पाप खुद तोहरे जइसे मनई क नोस्कान पहुँचावत हीं,
तोहार नीक करम बस तोहरे जइसे मनई क हीं भला करत हीं।
9 “अगर बुरे मनइयन क संग अनिआउ होत ह अउर बुरा बेउहार कीन्ह जात ह, तउ उ पचे मदद क पुकारत हीं,
उ पचे बड़के बड़के बरिआर क मदद पावइ क दोहाइ देत हीं।
10 मुला बुरे मनइयन परमेस्सर स मदद नाहीं माँगतेन।
उ पचे नाहीं कहत हीं, ‘परमेस्सर जउन हमका रचेस ह उ कहाँ बा?
परमेस्सर हम लोगन क रात मँ गावइ बरे गीत देत ह।
11 उ बुरे मनइयन इ नाहीं कहा करतेन कि, परमेस्सर जउन गोरु
अउ चिरइयन स जियादा बुध्दिमान मनई क बनाएस ह उ कहाँ बा?’
12 “अगर बुरे लोग परमेस्सर क मदद पावइ क दुहाइ देत हीं तउ परमेस्सर ओनका जवाब नाहीं देत ह।
काहेकि उ पचे बहोत घमंडी अउर बुरा होत हीं।
13 इ सच अहइ कि परमेस्सर ओनकर बेकार क दुहाइ क नाहीं सुनी।
सर्वसक्तीमान परमेस्सर ओनँ पइ धियान नाहीं देत।
14 अय्यूब, इहइ तरह जब तू परमेस्सर क समन्वा आपन मामला पइ
बहस कइ बरे इन्तजार करत ह,
अउर अगर तू सिकायत करत ह कि उ तोहरे समन्वा प्रकट नाहीं होइही,
तउ परमेस्सर तोहका जवाब नाहीं देब्या।
15 “अय्यूब, तू सोचत अहा कि परमेस्सर दुस्टन क सजा नाहीं देत ह
अउर परमेस्सर पाप पइ धियान नाहीं देत ह।
16 एह बरे अय्यूब आपन बेकार क बातन करत रहत ह।
अय्यूब बहोत बोलतह मुला उ नाहीं जानत कि उ का कहत रहत ह।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.